बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड April 09, 2025, 14:49 IST
सारांश
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई में नरमी के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को बुधवार को 0.25% घटाकर 6% कर दिया।
एक्सपर्ट्स की राय- रेपो रेट कम होने से बढ़ेगी मकानों की बिक्री
जमीन, मकान के डेवलपमेंट से जुड़ी कंपनियों और एक्सपर्ट्स ने कहा कि आरबीआई के रेपो रेट में कटौती से ब्याज दर कम होने की उम्मीद है, जिससे मकानों की बिक्री बढ़ेगी और रियल स्टेट सेक्टर को जरूरी तेजी मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई में नरमी के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को बुधवार को 0.25% घटाकर 6% कर दिया।
क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ‘शुल्क बढ़ोतरी और वैश्विक तनावों के कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय, यह कदम महंगाई में कमी और स्थिर होते मैक्रो इकनॉमिक दृष्टिकोण के बीच वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है।’ उन्होंने कहा कि दरों में कटौती उपभोक्ता धारणा को बढ़ाने और उधार लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सही समय पर की गई है।
ईरानी ने कहा, ‘इससे होम लोन सस्ता होगा, मांग को बढ़ावा मिलने और मध्यम आय व किफायती सेक्टर्स को मजबूत प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।’ रियल एस्टेट सेक्टर के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘कम ब्याज दर से होम लोन सस्ते हो जाएंगे, जिससे सभी कैटेगरी में मकानों की मांग बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप आवासीय बिक्री में तेजी होगी, बाजार में बेहतर नकदी (लिक्विडिटी) होगी और बिना बिके मकानों की संख्या में कमी आएगी।’
हरि बाबू ने कहा कि इससे डेवलपर को खासकर किफायती कैटेगरी में नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा। रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘मौजूदा शुल्क चिंताओं और वैश्विक चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था के लिए रेपो दर में कटौती का आरबीआई का फैसला अहम है। इस कदम का उद्देश्य नकदी की कमी को दूर करना और कारोबारी भरोसे को बढ़ावा देना है।’
उन्होंने कहा, ‘दर में कटौती से इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट्स को बढ़ावा मिलने, वित्तपोषण की स्थिति में सुधार होने और मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इससे विशेष तौर पर होम लोन को और अधिक किफायती बनाने और मध्यम श्रेणी व किफायती आवास बाजारों में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।’ अनंत राज लि. के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमन सरीन ने कहा, ‘आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार नीतिगत दर में कटौती एक शानदार कदम है। इससे खरीदारों के लिए होम लोन सस्ता होगा जिससे रियल एस्टेट की मांग को बढ़ावा मिलने के आसार हैं।’
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसुजा ने कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद औसत आवास की कीमतों में करीब 50% की वृद्धि हुई है। फरवरी और अप्रैल 2025 में रेपो दर में लगातार दो कटौती होम लोन लेने वालों को राहत देगी क्योंकि इससे मासिक किस्त कम होगी।’ उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे होम लोन की ब्याज दरें कम होंगी, वैसे-वैसे लोग मकान खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।’
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।