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  1. क्या है GSTAT, कैसे कंपनियों और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच इसका रोल होगा बेहद अहम? सारे सवालों के जवाब यहां

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क्या है GSTAT, कैसे कंपनियों और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच इसका रोल होगा बेहद अहम? सारे सवालों के जवाब यहां

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 25, 2025, 11:01 IST

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सारांश

GSTAT कंपनियों और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच विवादों के जल्द से जल्द निपटारे का मार्ग मजबूत करेगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटीएटी के एक्टिव होने के साथ ही कंपनियां इसके पोर्टल पर अपने मामले दायर कर पाएंगे और दिसंबर से अपीलीय न्यायाधिकरण में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

GSTAT

क्या है GSTAT, कैसे टैक्सपेयर्स के लिए साबित होगा गेमचेंजर?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को Goods and Services Tax Appellate Tribunal (GSTAT) यानी कि वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण की शुरुआत की। यह कंपनियों और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच विवादों के जल्द से जल्द निपटारे का मार्ग मजबूत करेगा। सीतारमण ने कहा कि जीएसटीएटी के एक्टिव होने के साथ ही कंपनियां इसके पोर्टल पर अपने मामले दायर कर पाएंगे और दिसंबर से अपीलीय न्यायाधिकरण में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने जीएसटीएटी को 'करदाताओं के लिए न्याय का सच्चा प्रतीक' बताते हुए कहा, ‘2017 में जीएसटी की शुरुआत के साथ ‘एक राष्ट्र, एक टैक्स, एक मार्केट’ की जो परिकल्पना की गई थी, अब उसमें एक और आयाम जुड़ गया है। यह प्लैटफॉर्म बिजनेसों के लिए भरोसे का स्तंभ और भारत की निरंतर आर्थिक वृद्धि का उत्प्रेरक बनेगा।’

लंबित मामले प्रॉयरिटी पर निपटाए जाएंगे

जीएसटी से संबंधित करीब 4.83 लाख लंबित मामलों को इस पोर्टल पर ट्रांसफर किया जाएगा। सरकार ने अपील दाखिल करने की समय-सीमा 30 जून, 2026 तक बढ़ा दी है। पुराने विवादों को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा ताकि मामलों का बोझ नियंत्रित ढंग से निपटाया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीएसटीएटी केवल अपीलीय प्लैटफॉर्म ही नहीं, बल्कि अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) की भूमिका भी निभाएगा। इससे टैक्सपेयर्स को कार्यवाही शुरू होने से पहले और बाद दोनों स्तरों पर व्यापक समाधान उपलब्ध होंगे।’

किसकी-किसकी हो चुकी है नियुक्ति?

सरकार ने हाल ही में जीएसटीएटी के विभिन्न खंडपीठों के लिए न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की है। मई 2024 में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को प्रधान पीठ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। अगस्त, 2025 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मयंक कुमार जैन को जीएसटी अपीलीय प्राधिकरण की प्रधान पीठ का न्यायिक सदस्य बनाया गया। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ए. वेणु प्रसाद और सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता को तकनीकी सदस्य नियुक्त किया गया था।

कैसे काम करेगा GSTAT?

सीतारमण ने कहा कि जीएसटीएटी की स्थापना टैक्सपेयर्स के लिए न केवल अनुपालन और रिफंड को सरल बनाने का हिस्सा है, बल्कि यह निष्पक्ष और कुशल विवाद निवारण की गारंटी भी है। उन्होंने कहा, ‘यह सुधारों का एक स्वाभाविक विस्तार है। जब कोई टैक्सपेयर विवाद की स्थिति में आता है तो वह कर प्रशासन के समक्ष पहली अपील कर सकता है। दूसरे स्तर पर वह केंद्र या राज्य के आदेशों के खिलाफ जीएसटीएटी में अपील कर सकेगा।’

भाषा इनपुट के साथ
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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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