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क्या है Green Economy? WEF का प्रिडिक्शन 2030 तक सालाना कीमत होगी $7 ट्रिलियन, भारत के लिए क्यों अहम?

Upstox

2 min read | अपडेटेड December 03, 2025, 14:40 IST

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सारांश

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सहयोग से तैयार विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum, WEF) की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दशक में सबसे तेज बढ़ते सेक्टरों में दूसरे स्थान पर रही ग्रीन इकॉनमी से विभिन्न उद्योगों की कंपनियां पहले ही प्रॉफिट कमा रही हैं।

हरित अर्थव्यवस्था

2030 तक सालाना कितनी हो जाएगी ग्रीन इकॉनमी की वैल्यू?

Global Green Economy 5,000 अरब डॉलर को पार कर चुकी है और 2030 तक इसके 7,000 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह कहा गया। इस दौरान रिन्यूएबल इलेक्ट्रिसिटी और प्रोडक्शन में सबसे तेज वृद्धि भारत में होगी। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सहयोग से तैयार विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum, WEF) की रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दशक में सबसे तेज बढ़ते सेक्टरों में दूसरे स्थान पर रही ग्रीन इकॉनमी से विभिन्न उद्योगों की कंपनियां पहले ही प्रॉफिट कमा रही हैं। रिसर्च में क्या कुछ कहा गया है, इससे पहले चलिए समझते हैं कि आखिर हरित अर्थव्यवस्था यानी कि ग्रीन इकॉनमी है क्या?

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क्या है ग्रीन इकॉनमी

ग्रीन इकॉनमी (हरित अर्थव्यवस्था) एक आर्थिक मॉडल है, जो आर्थिक विकास को पर्यावरण की सुरक्षा के साथ जोड़ता है, जिसमें पर्यावरणीय जोखिमों को कम किया जाता है और टिकाऊ विकास को बढ़ावा दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कम कार्बन उत्सर्जन, कुशल संसाधन उपयोग और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना है, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को सुरक्षित रखा जा सके।

रिसर्च में क्या कुछ कहा गया?

रिसर्च बताते हैं कि आर्थिक अनिश्चितता और अलग-अलग परिस्थितियों के बावजूद ग्रीन टेक्नॉलिजीज में इन्वेस्टमेंट लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहा है। रिपोर्ट में ग्रीन इकॉनमी को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टरों में एक बताया गया, जिसे सिर्फ टेक्नॉलिजी सेक्टर ही पीछे छोड़ पाया है। ग्रीन सल्यूशन्स अपनाने वाली कई कंपनियों को इसका फायदा मिल रहा है। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि रिसर्च से पता चलता कि ग्रीन रेवेन्यू वाली कंपनियां अक्सर कई वित्तीय मापदंडों पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं।

भारत के लिए यह इतना अहम क्यों?

रिपोर्ट के अनुसार 2024 से 2030 के बीच ज्यादातर सेक्टरों क्षेत्रों में रिन्यूएबल क्षमता सालाना औसतन 10% बढ़ेगी। इसमें भारत 16% के साथ सबसे आगे रहेगा, उसके बाद चीन 15% पर होगा।

PTI इनपुट के साथ
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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