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3 min read | अपडेटेड March 12, 2025, 09:33 IST
सारांश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर कुछ ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिसका असर तमाम देशों के शेयर मार्केट पर पड़ रहा है। इस बीच कनाडा पर स्टील और एल्युमीनियम टैरिफ को लेकर ट्रंप ने एक ऐलान किया, लेकिन कुछ ही देर में यू-टर्न भी मार लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली है, उनके कुछ फैसलों से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर अच्छा-खासा असर पड़ा है। कई देशों के बीच टैरिफ वॉर जैसी स्थिति भी बन गई है। अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में भी टैरिफ को लेकर खटास आई है। इस बीच 11 मार्च को डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि कनाडा से आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ दोगुना करके 50% कर दिया जाएगा, लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने यू-टर्न भी ले लिया। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक ट्रंप के इस यू-टर्न से वित्तीय मार्केटों पर असर पड़ा है।
यह कदम तब उठाया गया जब ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने भी अमेरिका में 1 मिलियन से अधिक घरों को बिजली की आपूर्ति पर 25% सरचार्ज लगाने के अपने फैसले को वापस ले लिया। डग ने पहले कहा था कि सरचार्ज तब तक जारी रहेगा जब तक डोनाल्ड ट्रंप कनाडा के खिलाफ टैरिफ की सभी धमकियों को वापस नहीं ले लेते। हालांकि, टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप के उतार-चढ़ाव ने वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने सुबह ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के साथ बिकवाली शुरू कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड ल्यूटनिक से कनाडा के एल्युमीनियम और स्टील पर टैरिफ 25% बढ़ाने के लिए कहा है - जिससे अब टैरिफ 50% हो जाएगा, हालांकि इसके बाद उन्होंने यू-टर्न ले लिया। अमेरिका में इम्पोर्ट किए जाने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स पर लगाया गया 25% टैरिफ 12 मार्च से प्रभावी हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस उतार-चढ़ाव ने S&P 500 इंडेक्स को बुरी तरह प्रभावित किया और यह 5,528.41 प्वॉइंट्स पर गिर गया, जो 19 फरवरी को अपने रिकॉर्ड क्लोजिंग हाइ 6,144.15 से 10% की गिरावट दिखाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर, नवंबर में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से अमेरिकी शेयर बाजारों ने करीब 5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान झेला है
पत्रकारों से बात करते हुए, डोनाल्ड ट्रंप इस गिरावट को लेकर काफी बेपरवाह दिखे। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अर्थव्यवस्था पर है और बाजार ऊपर-नीचे होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि टैरिफ बढ़ने से कंपनियों पर दबाव पड़ सकता है कि वे अपना मैनुफैक्चरिंग अमेरिका में ले जाएं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जितना अधिक टैरिफ बढ़ेगा, उतनी ही अधिक उम्मीद है कि वे निर्माण करेंगे... सबसे बड़ी जीत टैरिफ नहीं है। यह एक बड़ी जीत है। यह बहुत सारा पैसा है। लेकिन सबसे बड़ी जीत यह है कि वे हमारे देश में आते हैं और जॉब्स देते हैं।’
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