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US Bitcoin Reserve: अमेरिका बनाएगा बिटकॉइन रिजर्व, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साइन किया ऑर्डर

Upstox

3 min read | अपडेटेड March 07, 2025, 09:05 IST

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सारांश

US Strategic Bitcoin Reserve: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व और डिजिटल ऐसेट स्टॉकपाइल स्थापित करने के फैसले पर साइन किया है। अमेरिका ने डिजिटल ऐसेट्स के मैनेजमेंट को लेकर तैयार रहने के लिए ये कदम उठाए हैं। हालांकि, इस रिजर्व में जमा बिटकॉइन को बेचा नहीं जाएगा और इसे रिजर्व ऐसेट्स के स्टोर के तौर पर कायम रखा जाएगा।

इस रिजर्व से बेचे नहीं जाएंगे बिटकॉइन, डिजिटल ऐसेट्स को मैनेज करने की है कोशिश। (तस्वीर: Shutterstock)

इस रिजर्व से बेचे नहीं जाएंगे बिटकॉइन, डिजिटल ऐसेट्स को मैनेज करने की है कोशिश। (तस्वीर: Shutterstock)

Donald Trump Bitcoin Reserve: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व स्थापित करने के एक एग्जिक्युटिव ऑर्डर पर साइन कर दिए हैं। अमेरिका को दुनियाभर के देशों के बीच डिजिटल संपत्ति की रणनीति के मामले में आगे रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

बिटकॉइन रिजर्व के अलावा डिजिटल ऐसेट स्टॉकपाइल स्थापित करने के निर्देश पर भी ट्रंप ने साइन किया है। वाइटहाउस के मुताबिक इस रिजर्व से बिटकॉइन बेचे नहीं जाएंगे बल्कि इसे रिजर्व ऐसेट्स के स्टोर के तौर पर कायम रखा जाएगा।

इस रणनीतिक बिटकॉइन रिजर्व (Strategic Bitcoin Reserve) में डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी के बिटकॉइन जमा होंगे जो क्रिमिनल या सिविल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया के दौरान हासिल किए गए हैं। दूसरी एजेंसियां रिजर्व में बिटकॉइन ट्रांसफर करने की अपनी वैधता की जांच करेंगी।

ट्रेजरी और कॉमर्स सेक्रटरी अतिरिक्त बिटकॉइन हासिल करने के लिए बजट न्यूट्रल रणनीतियों पर काम करेंगे। हालांकि, इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि अमेरिकी करदाताओं के ऊपर अतिरिक्त बोझ ना हो।

वाइटहाउस की जानकारी के मुताबिक अलग-अलग फेडरल एजेंसयों के बीच में जब्त की गई क्रिप्टोकरंसी फैली हुई है और इसे सही तरह से हैंडल किए जाने की जरूरत है। अभी तक बिटकॉइन की प्रीमच्योर सेल के चलते अमेरिकी करदाताओं का $17 अरब का खर्च हो चुका है।

अमेरिका के पास बड़ी मात्रा में बिटकॉइन है लेकिन उसने वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में इसके मूल्य के आधार पर रणनीतिक स्थिति का फायदा नहीं उठाया है। 2.1 करोड़ बिटकॉइन्स की फिक्स्ड सप्लाई का फायदा उठाते हुए देश सबसे पहले एक रिजर्व बनाकर अपनी स्थिति का फायदा उठाना चाहता है।

फिलहाल देशों इसे लेकर कोई पॉलिसी नहीं है। इसके चलते इनकी कीमत का भरपूर लाभ लेने या सेंट्रलाइज करने के विकल्पों को खोजने में कमी है। सरकार का मानना है कि बिटकॉइन के कंट्रोल और मैनेजमेंट को लेकर कदम उठाने से इन्हें बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा और ट्रैक किया जा सकेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही ऐसा रिजर्व और डिजिटल ऐसेट स्टॉकपाइल बनाने का वादा किया था। उन्होंने इसके लिए 'क्रिप्टो-जार' को भी नियुक्त किया था। ट्रंप ने कहा था, 'मैं क्रिप्टोकरंसी कंपनियों को लेकर बहुत पॉजिटिव हूं। हमारे देश को इस क्षेत्र में लीडर होना चाहिए।'

डिजिटल ऐसेट स्टॉकपाइल के तहत बिटकॉइन को छोड़कर दूसरे डिजिटल ऐसेट आएंगे जिन्हें डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने जब्त किया है। इनके अलावा सरकार दूसरे ऐसेट नहीं हासिल करेगी।

ट्रेजरी सेक्रटरी इन्हें मैनेज करने के लिए रणनीति पर काम कर सकते हैं। एजेंसियों को अपने डिजिटल ऐसेट्स के बारे में ट्रेजरी सेक्रटरी और राष्ट्रपति के डिजिटल ऐसेट मार्केट्स के वर्किंग ग्रुप को पूरी जानकारी देनी होगी।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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