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3 min read | अपडेटेड June 10, 2025, 11:52 IST
सारांश
US-China Trade Talks: अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि लंदन में मुलाकात कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर व्यापार संबंधों के बीच तनाव बरकरार है। हालांकि, इससे इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ दुनिया के बाकी देशों पर भी असर दिख रहा है। ऐसे में दुनियाभर के व्यापारों की निगाहें इस बातचीत पर टिकी हैं। निवेशकों को सकारात्मक नतीजों की उम्मीद बंधी हुई है।
पिछले महीने दोनों देशों के बीत होने वाले व्यापार पर नकारात्मक ट्रेंड देखा गया था।
‘बकिंघम पैलेस’ के पास 200 साल पुराने भव्य भवन ‘लैंकेस्टर हाउस’ में हुई बातचीत का असर दुनियाभर के व्यापार पर तो देखा ही जा रहा है, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं खुद इसके घाटे से अछूती नहीं हैं। चीन के व्यापार सबंधी आंकड़ों से पता चलता है कि मई में अमेरिका को निर्यात एक साल पहले की तुलना में 35% कम हुआ है।
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर बात हुई थी। अब अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों ने सोमवार को लंदन में मुलाकात की और व्यापार विवाद को सुलझाने का कोशिश की।
सोमवार को हुई इस मुलाकात में चीन की ओर से उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के नेतृत्व में वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ समेत दूसरे प्रतिनिधि और अमेरिका की ओर से वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीरने शामिल हुए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताबड़तोड़ टैरिफ के ऐलान के जवाब में चीन ने भी जवाबी शुल्क जड़ दिए थे। इसके बाद से वैश्विक स्तर पर तनाव की स्थिति बन गई थी और बाजार लुढ़कने लगे थे। हालांकि, इसके असर को समझते हुए दोनों के बीच वार्ताओं का दौर चला।
दोनों देशों ने 12 मई को घोषणा की थी कि वे एक-दूसरे पर लगाए गए 100% से अधिक शुल्क में से अधिकतर को 90 दिन के लिए निलंबित करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक टकराव के कारण मंदी की आशंकाएं पैदा हो गई थीं। पिछले महीने जेनेवा में हुई बैठक के बाद उम्मीद की जा रही थी कि शायद कुछ सकारात्मक समझौता हो सकेगा। हालांकि, अभी बातचीत का दौर जारी है।
वहीं, चीन ने शनिवार को संकेत दिया कि वह यूरोपीय कंपनियों के साथ-साथ अमेरिकी कंपनियों की ओर से आई चिंताओं का समाधान कर रहा है। चीन का अमेरिका को निर्यात मई माह में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 35% घटा है।
इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है। पिछले महीने चीन के कुल निर्यात में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो उम्मीद से कम है। अप्रैल में सालाना आधार पर चीन का निर्यात 8.1 प्रतिशत बढ़ा था। मई में चीन का आयात 3.4 प्रतिशत घट गया। इससे चीन का व्यापार अधिशेष 103.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
चीन ने मई में अमेरिका को 28.8 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 44 अरब अमेरिकी डॉलर था। अमेरिका से आयात घटकर 10.8 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी बातचीत के चलते दुनियाभर के बाजारों में निवेशक सतर्क हैं। सोमवार को अमेरिकी बाजार कुछ बढ़त के साथ बंद हुए जबकि एशिया में भी मंगलवार को बाजार पॉजिटिव ट्रेंड्स के साथ खुले। भारत में सुबह 9:25 बजे S&P BSE SENSEX 93.51 अंक यानी करीब 0.11% चढ़कर 82,538.72 के स्कर पर जबकि NSE का NIFTY50 40.40 अंक यानी करीब 0.16% चढ़कर 25,143.60 के स्तर पर खुला।
इक्विटी मार्केट में पॉजिटिव ट्रेंड्स के बीच सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। सुबह 11:10 बजे 24 कैरेट सोना ₹440 की गिरावट के साथ ₹,840 प्रति 10 ग्राम के भाव पर था जबकि चांदी ₹360 की गिरावट के साथ ₹107,150 प्रति किलो पर थी।
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