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US-China Talks: पटेगी US-चीन के बीच खाई? टैरिफ वॉर पर समझौते के फ्रेमवर्क पर सहमति बनी

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 11, 2025, 12:23 IST

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सारांश

US-China Trade Talks: अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव में नरमी के संकेत मिलने लगे हैं। दोनों देशों के बीच जेनेवा में हुई बातचीत पर फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए लंदन में सहमति कायम कर ली गई है। अमेरिका ने चीन पर सेमीकंडक्टर चिप्स को लेकर प्रतिबंध लगा रखा जबकि चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर अप्रैल में रोक लगा दी थी।

लंदन में दो दिन की वार्ता के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने की उम्मीद जगी। (तस्वीर: Shutterstock)

लंदन में दो दिन की वार्ता के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने की उम्मीद जगी। (तस्वीर: Shutterstock)

US-China Trade Talks: लंबे वक्त से एक-दूसरे के साथ तनातनी में उलझे अमेरिका और चीन ने आखिरकार व्यापारिक तनाव को खत्म करने के लिए फ्रेमवर्क पर रजामंदी कायम कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों के प्रतिनिधि लंदन में सहमति बनाने के बाद अब अपने-अपने नेताओं से हरी झंडी के लिए प्रस्ताव को भेजेंगे। फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया लेकिन समझौते की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद वैश्विक बाजार राहत लेते नजर आ रहे हैं।

पिछले महीने जेनेवा में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों ने कुछ मुद्दों पर सहमति बनाई थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फोन पर बातचीत की और इस हफ्ते लंदन में दोनों देशों के प्रतिनिधि मिलने पहुंचे। इसके बाद निर्यात पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने और व्यापार संबंधों में बने तनाव को कम करने के लिए फ्रेमवर्क पर बात हुई है।

जेनेवा में बातचीत के बाद भी दोनों देशों में तनातनी बनी हुई थी और ऐसा लग रहा था कि शायद समझौता फेल हो जाएगा। हालांकि, ट्रंप और जिनपिंग ने एक-दूसरे से फोन पर बातचीत की जिसके बाद एक बार फिर शांति की उम्मीद बंधी थी।

चीन के वाणिज्य उपमंत्री ली चेंगांग के हवाले से शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया है कि जेनेवा में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उन्हें लागू करने के लिए फ्रेमवर्क पर दोनों देश राजी हैं। इसके पहले अमेरिकी वाणिज्य सेक्रटरी हावर्ड लटनिक ने कहा था कि लंदन में बातचीत अच्छी चल रही है।

रेयर अर्थ पर चीन का दबदबा

अप्रैल में चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए थे लेकिन उसने अब इनमें ढील देने के संकेत दिए हैं। साल 2011 तक चीन रेयर अर्थ का 90% उत्पादन अकेले करता था। रेयर अर्थ मैग्नेट (REM) ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, होम अप्लायंस जैसे उद्योगों के लिए बहुत अहम हैं और इनकी करीब 92% ग्लोबल सप्लाई चीन से होती है। हालांकि, 2022 तक यह हिस्सेदारी 62.9% पर आ गई थी। चीन के बाद अमेरिका, म्यामां और ऑस्ट्रेलिया इनके उत्पादन में आगे हैं।

चीन को चाहिए चिप टेक्नॉलजी

रेयर अर्थ पर प्रतिबंध के बदले चीन चाहता है कि अमेरिका सेमीकंडक्टर बनाने की अडवांस्ड टेक्नॉलजी के एक्सेस पर लगे प्रतिबंधों को हटाए। CNBC को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी नेशनल इकॉनमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हैसेट ने बताया कि ट्रंप प्रशासन चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए क्रिटिकल माइक्रोचिप्स पर प्रतिबंधों में ढील दे सकता है। हालांकि, ‘बेहद हाई-एंड एनविडिया’ चिप्स पर प्रतिबंध लागू रहेंगे। ये चिप्स आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम्स के लिए बेहद जरूरी हैं।

बाजार खिले

वहीं, दोनों देशों के बीच नरम पड़ते व्यापार संबंधों का असर दुनियाबर के बाजारों में देखा गया। भारतीय स्टॉक मार्केट भी बुधवार को बढ़त के साथ खुला जबकि तेल के दामों में गिरावट दर्ज की गई। दूसरे एशियाई बाजार भी तेजी से ऊपर चढ़ते नजर आए।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।