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4 min read | अपडेटेड November 18, 2025, 19:34 IST
सारांश
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एआई का इस्तेमाल करने वालों को बड़ी सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि एआई से मिली हर जानकारी सही नहीं होती, इसलिए उस पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। साथ ही उन्होंने कंपनियों को एआई में हो रहे अंधाधुंध निवेश को लेकर भी चेताया है।

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एआई के खतरों और भविष्य को लेकर दी चेतावनी।
आजकल काफी सारे लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्कूल के होमवर्क से लेकर दफ्तर की प्रेजेंटेशन तक, लोग पूरी तरह से चैटजीपीटी या गूगल जेमिनी जैसे टूल्स पर निर्भर होते जा रहे हैं। लेकिन अब खुद गूगल के मुखिया सुंदर पिचाई ने एक ऐसी बात कह दी है जिसे हर यूजर को गांठ बांध लेनी चाहिए। सुंदर पिचाई ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि एआई द्वारा दी गई हर जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा करना आपको मुसीबत में डाल सकता है। उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि एआई तकनीक अभी भी पूरी तरह से परिपक्व नहीं है और इसमें गलतियां होने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
सुंदर पिचाई ने कहा कि एआई मॉडल कई बार ऐसी जानकारी दे देते हैं जो सुनने में तो बहुत सही लगती है, लेकिन असल में वह गलत होती है। इसे तकनीकी भाषा में 'हैलुसिनेशन' कहा जाता है। पिचाई का कहना है कि यूजर्स को एआई से मिले जवाबों की तुलना हमेशा दूसरे भरोसेमंद स्रोतों से करनी चाहिए। मान लीजिए आप किसी बीमारी के बारे में या किसी ऐतिहासिक घटना के बारे में एआई से पूछ रहे हैं, तो उसे अंतिम सच न मानें। गूगल ने इस साल मई में अपने सर्च इंजन में एआई मोड जोड़ा था, जिसका मकसद लोगों को एक्सपर्ट जैसी सलाह देना था। पिचाई ने माना कि उनकी कंपनी इसे सटीक बनाने की पूरी कोशिश करती है, लेकिन मौजूदा तकनीक में अभी भी कुछ खामियां हैं जिन्हें सुधारा जाना बाकी है।
गूगल के सीईओ ने यह भी समझाया कि एआई का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर आप कोई रचनात्मक काम करना चाहते हैं, जैसे कोई कहानी लिखना, ईमेल ड्राफ्ट करना या नए आइडिया सोचना, तो एआई एक बेहतरीन साथी साबित हो सकता है। लेकिन लोगों को इन टूल्स का इस्तेमाल सही तरीके से सीखना होगा। एआई आपकी मदद कर सकता है, लेकिन यह आपके विवेक और समझ की जगह नहीं ले सकता। इसलिए जरूरी है कि आप एआई को एक टूल की तरह देखें, न कि किसी ऐसे जादू की तरह जो कभी गलत नहीं हो सकता।
सिर्फ आम यूजर्स ही नहीं, बल्कि सुंदर पिचाई ने दुनिया भर की बड़ी कंपनियों को भी आगाह किया है। उन्होंने कहा कि आजकल हर कंपनी एआई के पीछे भाग रही है और इसमें अंधाधुंध पैसा लगा रही है। पिचाई ने इसे एक 'अतार्किक उत्साह' करार दिया। उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि जब इंटरनेट नया-नया आया था, तब भी ऐसा ही हुआ था। बहुत पैसा लगा, लेकिन बाद में डॉट-कॉम बबल फूट गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एआई निवेश का यह बुलबुला फूटता है, तो दुनिया की कोई भी कंपनी इससे अछूता नहीं रहेगी, चाहे वह गूगल ही क्यों न हो। हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इंटरनेट की तरह एआई भी अंत में एक जरूरी तकनीक साबित होगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या गूगल इस संभावित खतरे से सुरक्षित है, तो उन्होंने बड़े आत्मविश्वास से जवाब दिया। पिचाई ने कहा कि गूगल के पास अपना एक अनूठा मॉडल है। कंपनी के पास अपनी चिप से लेकर यूट्यूब का विशाल डेटा और बेहतरीन वैज्ञानिक मौजूद हैं। उनके पास पूरी तकनीक का अपना स्वामित्व है। इसका मतलब है कि अगर एआई बाजार में कोई उथल-पुथल होती भी है, तो गूगल दूसरी कंपनियों के मुकाबले उससे निपटने के लिए बेहतर स्थिति में होगा। कुल मिलाकर सुंदर पिचाई का संदेश साफ है कि तकनीक का फायदा उठाएं, लेकिन सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी वाली बात याद रखें।
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