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S&P Global Ratings: ट्रंप ने भारत को बताया था 'डेड इकॉनमी', अमेरिकी एजेंसी ने ही खोल दी पोल

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 14, 2025, 15:36 IST

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सारांश

S&P Global Ratings: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को मरा हुआ बताया था। पिछले साल मई में, एसएंडपी ने मजबूत आर्थिक विकास का हवाला देते हुए भारत की सॉवरेन रेटिंग 'बीबीबी-' को पॉजिटिव कर दिया था।

S&P ग्लोबल रेटिंग्स

S&P ग्लोबल रेटिंग्स में भारत की स्थिति मजबूत, हाई टैरिफ का नहीं दिखेगा असर

S&P Global Ratings: एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के डायरेक्टर यीफार्न फुआ ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ का भारत की वृद्धि पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह एक ट्रेड-ओरिएंटेड अर्थव्यवस्था नहीं है, और इसकी सॉवरेन रेटिंग का आउटलुक पॉजिटिव बना रहेगा। हाल ही में ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को मरा हुआ बताया था, ऐसे में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स भारत के लिए काफी अहम है। पिछले साल मई में, एसएंडपी ने मजबूत आर्थिक विकास का हवाला देते हुए भारत की सॉवरेन रेटिंग 'बीबीबी-' को पॉजिटिव कर दिया था।

क्यों भारत की स्थिति हुई है बेहतर?

उन्होंने आगे कहा कि निर्यात के मामले में भारत का अमेरिका के प्रति जीडीपी में योगदान लगभग 2% है। एसएंडपी का अनुमान है कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहेगी, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर जैसी ही है। यीफार्न ने आगे कहा कि अमेरिका को निर्यात करने वाले फार्मास्यूटिकल्स और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख सेक्टरों को टैरिफ से छूट दी गई है। उन्होंने कहा, 'लॉन्ग टर्म में, हमें नहीं लगता कि यह (हाइ टैरिफ) भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव डालेगा, और इसलिए, भारत के प्रति पॉजिटिव आउटलुक बना हुआ है।'

क्या अमेरिकी टैरिफ का भारत की इकॉमनी पर पड़ेगा असर?

क्या अमेरिकी टैरिफ भारत में निवेश प्रवाह को प्रभावित करेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिजनेस के लिए 'चीन प्लस वन' रणनीति कारगर रही है, और कंपनियां मुख्य रूप से घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत में बिजनेस स्थापित कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘कई बिजनेस केवल अमेरिका को निर्यात करने के लिए ही वहां नहीं जा रहे हैं। उनमें से कई बड़े डोमेस्टिक मार्केट के कारण भी वहां जा रहे हैं। एक उभरता हुआ मध्यम वर्ग बड़ा हो रहा है... इसलिए, जो लोग भारत में अधिक इन्वेस्ट और निर्यात करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह जरूरी नहीं है कि वह अमेरिकी मार्केट ही हो।’

भारत पर अमेरिका ने लगाया कितना टैरिफ?

6 अगस्त को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी भारतीय आयातों पर मौजूदा 25% टैरिफ के अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे 27 अगस्त से कुल टैरिफ 50% हो गया। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में उठाया गया है। 2021-25 में, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका का लगभग 18%, आयात में 6.22% और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73% हिस्सा है। अमेरिका के साथ, भारत का 2023-24 में वस्तुओं पर 35.32 बिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) था। 2024-25 में यह 41 बिलियन डॉलर था। 2024-25 में, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 186 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। भारत ने 86.5 बिलियन डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया जबकि आयात 45.3 बिलियन डॉलर रहा।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।