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4 min read | अपडेटेड February 24, 2025, 12:12 IST
सारांश
PM Narendra Modi on Kisan Samman Nidhi Yojana: पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत ₹3.5 लाख करोड़ का फायदा देश के किसानों तक पहुंचने पर खुशी जाहिर की है।
किसानों को वित्तीय सहायता देने के लिए 24 फरवरी 2019 को लॉन्च की गई थी योजना।
देश के किसानों को हर महीने ₹6 हजार की आर्थिक सहायता देने के लिए लॉन्च की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Samman Nidhi Scheme) को 6 साल पूरे हो गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत अब तक 3.5 लाख करोड़ रुपये पहुंचाए जाने पर खुशी जाहिर की है।
उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया- ‘बीते 10 वर्षों में हमारे प्रयासों से देश में कृषि क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है। हमारे लाखों छोटे किसानों को मिल रही आर्थिक मदद से बाजार तक उनकी पहुंच बढ़ी है। इसके साथ ही कृषि की लागत कम हुई है और उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।’
PM ने PM-Kisan के 6 साल पूरे होने पर देश के किसानों को बधाई दी। उन्होंने आगे लिखा- ‘मेरे लिए अत्यंत संतोष और गर्व का विषय है कि अब तक करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये उनके खाते में पहुंच चुके हैं। हमारा ये प्रयास अन्नदाताओं को सम्मान, समृद्धि और नई ताकत दे रहा है।’
बिहार के भागलपुर में ‘किसान सम्मान समारोह’ के दौरान पीएम मोदी योजना के 6 साल पूरे होने पर इसकी 19वीं किस्त जारी करने वाले हैं। सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक 19वीं किस्त से 9.8 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा, जिनमें 2.41 करोड़ महिला किसान शामिल हैं। इसके जरिए ₹22 हजार करोड़ से ज्यादा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए लाभार्थियों तक पहुंचाए जाएंगे।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Samman Nidhi Yojana) 24 फरवरी, 2019 को किसानों को वित्तीय सहायता देन के लिए लॉन्च की गई थी। दुनिया की इस सबसे बड़ी DBT योजना के जरिए ऐसे किसानों पर खासतौर से ध्यान देने का लक्ष्य तय किया गया था जिनके पास छोटी जमीनें हैं।
पहले सिर्फ छोटे और मार्जिनल किसान ही इसके तहत आते थे लेकिन अब सभी किसानों को इसमें शामिल किया गया है। पीएम किसान में लाभार्थियों को चिन्हित करने का काम राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को सौंपा गया है।
यह एक सेंट्रल सेक्टर स्कीम है, यानी इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती है। पीएम-किसान के जरिए साल में हर 3 किस्तों में ₹6 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। यानी हर 4 महीने में ₹2000 किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं।
आर्थिक सहायता मिलने पर किसान बेहतर गुणवत्ता के बीज, फर्टिलाइजर वगैरह खरीद पाते हैं। इसके अलावा घरेलू खर्च के लिए भी यह राशि काम आती है। अब तक 18 किस्तों में 3.5 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
इससे करीब 11 करोड़ किसान परिवारों को फायदा हुआ है। योजना के तहत एक परिवार को पति-पत्नी और नाबालिग बच्चों के तौर पर परिभाषित किया गया है।
पीएम किसान के तहत लाभार्थियों को अपने नाम, उम्र, जेंडर और कैटिगिरी (SC/ST) से जुड़ी जानकारी देनी होती है। इसके अलावा आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड और मोबाइल नंबर भी देना होता है।
अगर किसी किसान का नाम इस लिस्ट में नहीं हो, तो वह जिला स्तर पर बनी मॉनीटरिंग कमिटी के पास जा सकता है किसान पोर्टल पर भी इसकी जानकारी ले सकता है।
पीएम किसान के तहत किसानों के सवालों के जवाब देने के लिए किसान ई-मित्र (Kisan e-Mitra) डिवेलप किया गया है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस यह चैटबॉट अलग-अलग भाषाओं में किसानों की मदद करता है। इसे दूसरे सरकारी कार्यक्रमों के साथ भी जोड़ा जा रहा है।
वहीं, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए e-KYC भी आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए, बायोमेट्रिक या फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए करने की सुविधा है।
अगर किसी परिवार का एक भी सदस्य पिछले असेसमेंट इयर में करदाता रहा है, तो उस परिवार को पीएम किसान के तहत लाभार्थी नहीं माना जाएगा। इसके अलावा संस्थागत जमीन धारकों, संवैधानिक पदों पर बैठे या बैठ चुके लोगों, मंत्रियों, सांसदों/विधायकों जैसे जनप्रतिनिधियों, डॉक्टर, वकील जैसे प्रफेशनल्स को इस योजना के बाहर रखा गया है।
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