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3 min read | अपडेटेड March 03, 2025, 10:15 IST
सारांश
Major Changes from March 1st: वित्त वर्ष का आखिरी महीना शुरू होने के साथ ही ऐसे कई बदलाव लागू हो गए, जिनका असर हमारे-आपके ऊपर सीधा पड़ने वाला है। निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड, डीमैट अकाउंट नॉमिनेशन के नियम बदल गए हैं। इसके अलावा जीएसटी पोर्टल के डबल ऑथेंटिकेशन और फिक्स्ड डिपॉजिट रेट्स पर भी नजर रहेगी।
SEBI की गाइडलाइंस बदलने के साथ ही नॉमिनेशन को लेकर नए नियमों को जानना जरूरी।
वित्त वर्ष 2024-25 का आखिरी महीना शुरू हो चुका है और 1 मार्च 2025 से कई ऐसे बदलाव लागू हो गए हैं जिनका असर आम लोगों पर होगा। UPI ट्रांजैक्शन से लेकर SEBI की नई गाइडलाइंस तक, ऐसे कई बदलाव हैं जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं-
UPI ट्रांजैक्शन के जरिए अब बीमा प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे। बीमा रेग्युलेटर IRDAI ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम अमाउंट का ऑटोमैटिक पेमेंट फिक्स करने को वन-टाइम मैंडेट दे दिया है। बीमा-ASBA के तहत नीतिधारक बीमा पॉलिसी जारी होने के बाद पेमेंट कर सकेंगे।
इसके तहत वे खास पेमेंट के लिए अपने बैंक अकाउंट में अमाउंट को ब्लॉक यानी फिक्स कर सकेंगे। ये अमाउंट सही समय पर खुद ही ट्रांसफर हो जाएगा ताकि देरी के चलते कोई नुकसान ना हो। ये भुगतान तभी रिलीज होगा जब बीमा सर्विस प्रोवाइडर प्रस्ताव को स्वीकार करे। ऐसा नहीं करने पर अमाउंट अनब्लॉक हो जाएगा।
आज से नॉमिनी को घोषित करना अनिवार्य होगा। इन्वेस्टर को खुद ही अपना नॉमिनी चुनना होगा और यह अधिकार पावर ऑफ अटर्नी होल्डर्स के पास नहीं होगा।
इन्वेस्टर्स ऑन-लाइन और ऑफ-लाइन दोनों तरीकों से अपने नॉमिनी डिटेल्स को अपडेट कर सकेंगे। नए नियमों के मुताबिक इन्वेस्टर्स को अब अपने नॉमिनी की ज्यादा डिटेल्स देनी होंगी, जिसमें PAN कार्ड नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस या उनके आधार के आखिरी चार नंबर शामिल होंगे।
बदले गए नियमों के तहत निवेशक की मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र की सेल्फ-अटेस्ट कॉपी, KYC का अपडेशन औरदेनदारों से डिस्चार्ज के दस्तावेज के अलावा और कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। ट्रांसमिशन के बाद कोई भी क्लेम नॉमिनीज और क्लेम करने वाले के बीच में ही होगा, विनियमित इकाई को रेफरेंस के बिना।
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट कट के बाद बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट रेट्स में बदलाव की अटकलें भी लग रही हैं।
अब जीएसटी के पोर्टल पर मल्टिपल फैक्टर ऑथेंटिकेशन शुरू होने जा रहा है जिसके लिए व्यापारियों को अपने आईटी सिस्टम्स अपग्रेड करने होंगे।
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