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4 min read | अपडेटेड March 07, 2025, 18:39 IST
सारांश
Karnataka Budget 2025: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने अपना रिकॉर्ड 16वां बजट पेश किया है। इसमें एजुकेशन सेक्टर को कुल बजट का लगभग 10 फीसदी यानी 45,286 करोड़ रुपये दिया गया है। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग है, जिसके लिए राज्य सरकार 2024-25 वित्त वर्ष में लगभग 8 फीसदी या 34,955 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
Karnataka Budget 2025: एजुकेशन सेक्टर को कुल बजट का लगभग 10 फीसदी यानी 45,286 करोड़ रुपये दिया गया है।
सरकार ने ब्रांड बेंगलुरु के तहत 21 प्रोजेक्ट्स के लिए 1,800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, साथ ही मौसम संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए 3,000 करोड़ रुपये और कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के चरण 5 के लिए 555 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सरकार ने बजट में कहा कि बेंगलुरु के मेट्रो नेटवर्क को केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, शहर में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से हेब्बल एस्टीम मॉल से सिल्क बोर्ड जंक्शन तक 18.5 किलोमीटर लंबी उत्तर-दक्षिण सुरंग विकसित की जाएगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार को अगले वित्त वर्ष (2025-26) में 4,08,647 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। यह रकम कमर्शियल टैक्स और केंद्रीय अनुदान सहित कई स्रोतों से प्राप्त होने की उम्मीद जताई गई है।
बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल रेवेन्यू प्राप्तियां 2,92,477 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसमें 2,08,100 करोड़ रुपये टैक्स रेवेन्यू, 16,500 करोड़ रुपये का नॉन-टैक्स रेवेन्यू और 67,877 करोड़ रुपये की भारत सरकार की प्राप्तियां शामिल हैं।
सिद्धरमैया ने कहा कि 2025-26 के लिए इन राजस्व प्राप्तियों के अलावा 1.16 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी और 170 करोड़ रुपये की नॉन-डेट कैपिटल प्राप्तियां अनुमानित हैं। उन्होंने कहा, “वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में कुल प्राप्तियां 4,08,647 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।”
कर्नाटक सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू टारगेट रखा है। साथ ही, स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन से 28,000 करोड़ रुपये, मोटर व्हीकल टैक्स से 15,000 करोड़ रुपये और रॉयल्टी कलेक्शन से 9,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
राज्य ने प्रोफेशनल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को और अधिक सुविधाजनक और कुशल बनाने का भी लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, “वेतन और मजदूरी पाने वालों द्वारा फरवरी माह के लिए देय प्रोफेशनल टैक्स को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये करने के लिए प्रोफेशनल टैक्स एक्ट में उपयुक्त बदलाव करने का प्रस्ताव है, ताकि इसे 2,500 रुपये प्रति वर्ष की अधिकतम स्वीकार्य सीमा के अनुरूप बनाया जा सके।”
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को सरल बनाने के लिए ई-खाता अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पहल से संपत्ति धोखाधड़ी में कमी आएगी और करों से बचने के लिए संपत्तियों का कम मूल्यांकन करने का ट्रेंड घटेगा। उन्होंने कहा कि इससे बिना मूल्यांकन वाली संपत्तियां भी मूल्यवान सूची में शामिल हो जाएंगी। सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार दुरुपयोग और धोखाधड़ी को रोकने के लिए चालू वर्ष से गैर-पंजीकरण योग्य दस्तावेजों के लिए डिजिटल ई-स्टाम्पिंग शुरू करेगी।
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