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6 min read | अपडेटेड June 16, 2025, 10:24 IST
सारांश
India Trade Relations with Israel-Iran: इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य तनाव का असर भारत पर भी हो रहा है। सोने के भावों से लेकर शेयर बाजार तक, मिडिल ईस्ट के हालात से प्रभावित हैं। भारत के दोनों ही देशों के साथ गहरे व्यापारिक संबंध हैं। अरबों डॉलर के आयात-निर्यात और निवेश के अलावा रणनीतिक तौर पर हाइफा और चाबहार जैसे बंदरगाह भारत के लिए बेहद अहम हैं।
भारतीय व्यापार, खासकर सप्लाई चेन के लिए ईरान-इजरायल के बीच शांतिपूर्ण संबंध बेहद जरूरी हैं। (तस्वीर: Shutterstock)
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक ईरान ने इजरायल पर कई मिसाइलें दागी हैं। रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि इजरायल का ‘आयरन डोम’ भी ईरान ने भेद लिया है। वहीं, IRNA न्यूज एजेंसी की खबर में दावा किया गया है कि ईरान के रेवॉलूशनरी गार्ड्स के इंटेलिजेंस चीफ मोहम्मद कजेमी समेत तीन अधिकारी इजरायली हमले में मारे गए।
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया था कि ईरान की क्रिटिकल न्यूक्लियर एनरिचमेंट साइट को भी इजरायली हमले में नुकसान हुआ है जिसके बाद रेडिएशिन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक तेल अवीव के हमले के जवाब में शनिवार की देर रात ईरान ने इजरायल के हाइफा बंदरगाह (Haifa Port) और पास की एक तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया। हालांकि, पोर्ट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
यह पोर्ट अडानी ग्रुप (Adani Group) ऑपरेट करता है जिसके पास पोर्ट की 70% हिस्सेदारी है। ऐसे में भारतीय स्टॉक मार्केट में अडानी ग्रुप के शेयर्स पर जरूर फोकस बढ़ गया है। सुबह 9:24 बजे अडानी पोर्ट्स (Adani Ports & SEZ) के शेयर्स 0.23% की गिरावट के साथ ₹1,401.80 प्रति शेयर के भाव पर थे।
हाइफा पोर्ट एक अहम समुद्री केंद्र के रूप में काम करता है। 700 से ज्यादा कर्मचारियों वाला पोर्ट इजरायल के आयात का 30% से अधिक संभालता है। इस पोर्ट के कुल माल में हाइफा की हिस्सेदारी 3% से भी कम है और यह कंपनी के मुनाफे में 2 प्रतिशत से भी कम योगदान देता है।
वहीं, आशंका जताई जा रही है कि इजरायल-ईरान में तनाव के चलते भारत को कच्चे तेल की खरीद के लिए 40-50% ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपया छह पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.17 पर आ गया जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.77% की बढ़त के साथ $74.30 प्रति बैरल के भाव पर रहा। सोने के भाव पहले ही ₹1 लाख पार हो गए हैं।
इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में स्थिक हाइपो पोर्ट भारत के अतिमहत्वाकांक्षी भारत-मध्यपूर्व-यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर (India–Middle East–Europe Economic Corridor, IMEC) प्रॉजेक्ट का अहम हिस्सा है। यहीं से मेडिटरेनियन बंदरगाहों के लिए रास्ता खुलता है। IMEC भारत को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इजरायल के रास्ते यूरोप में इटली/ग्रीस/फ्रांस से जोड़ने का प्लान है। 2023 में नई दिल्ली में जी20 देशों के नेताओं की बैठक के दौरान इसका ऐलान किया गया था।
यह रूट एशिया और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी का तेज रास्ता खोलेगा जिससे दोनों महाद्वीपों की आर्थिक गतिविधियों को बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकेगा। खासकर, भारतीय उत्पादों के लिए इन क्षेत्रों में बड़े बाजार को खोलेगा।
इजरायल-ईरान टकराव पर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) ने इजरायल को निशाने पर लिया था। ईरान की सदस्यता वाले SCO ने इजरायली मिसाइल हमलों को सिविलियन टारगेट्स, ट्रांसपोर्ट और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रेक्चर को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘आक्रामक’ करार दिया था।
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर साफ किया है कि SCO के इस बयान पर चर्चा में भारत शामिल नहीं था। हालांकि, MEA ने दोनों देशों से बातचीत के जरिए रास्ता निकालने की अपील की है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अरागची से बात करके मौजूदा तनाव पर चिंता भी जाहिर की।
भारत के इजरायल के साथ काफी मजबूत संबंध हैं। पहलगाम हमले के जवाब में पिछले महीने किए गिए भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी इजरायल ने भारत को समर्थन दिया था। व्यापार के मामले में भी दोनों देशों के बीच 1992 से कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद से तेज रफ्तार से सहयोग बढ़ा है।
FY24 में रक्षा क्षेत्र को छोड़कर द्विपक्षीय व्यापार $6.53 अरब रहा था। भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। भारत इजरायल को मोती, बहुमूल्य पत्थरों, ऑटोमोटिव डीजल, केमिकल मिनरल प्रोडक्ट्स, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल उपकरण, प्लास्टिक और टेक्सटाइल जैसे उत्पाद निर्यात करता है जबकि केमिकल और मिनरल फर्टिलाइजर प्रोडक्ट, पेट्रोलियम ऑइल, डिफेंस जैसे उपकरण आयात करता है।
Tata Group, Wipro, Sun Pharma, Reliance Industries, L&T Technology services, Samvardhana Motherson, Ola Electric जैसी भारतीय कंपनियों ने इजरायल में निवेश भी कर रखा है। ऐसे में इजरायल व्यापारिक दृष्टि से भारत के लिए खास अहमियत रखता है।
हालांकि, क्षेत्रीय सुरक्षा के हालात और ट्रेड रूट में बाधा के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार FY25 में $3.75 पर आ गिरा था जिससे मौजूदा तनाव भारत के लिए भी चिंताजनक हैं।
भारत करीब 85% कच्चा तेल आयात करता है और एक वक्त पर ईरान भारत के टॉप थी सप्लायर्स में से एक था। हालांकि, अमेरिका ने ईरानी कच्चे तेल की खरीद पर सैंक्शन लगा दिए जिसके बाद भारत को भी अपना रास्ता बदलना पड़ा। अब इराक, सऊदी और यूक्रेन हमले पर सैंक्शन का सामना कर रहे रूस से भारत का ज्यादातर तेल आता है।
भारत और ईरान के बीच सबसे बड़ा सहयोग ईरान के चाबहार डीप-वॉटर पोर्ट को लेकर रहा है। सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र में स्थित यह पोर्ट भारत के सबसे करीब है और यहां से बड़े कार्गो जहाजों को आसानी से रास्ता मिल सकता है।
वहीं, भारत ईरान के 5 सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर्स में से एक रहा है। दोनों देशों के बीच FY23 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार $2.33 अरब रहा था। भारत चावल, चाय, चीनी, दवाइयां, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, आर्टिफिशल जूलरी ईरान को निर्यात करता है जबकि ड्राई फ्रूट्स, इनऑर्गनैिक/ऑर्गैनिक केमिकल्स, कांच का सामान आयात करता है।
हालांकि, अमेरिकी सैंक्शन और स्थानीय तनाव के ट्रेड रूट्स पर असर के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार में करीब 87% की गिरावट दर्ज की गई है।
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