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3 min read | अपडेटेड March 03, 2025, 17:01 IST
सारांश
Navratna Status: IRCTC रेल मंत्रालय के तहत एक सरकारी कंपनी है जिसका वार्षिक कारोबार ₹4,270.17 करोड़ है। कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) ₹1,111.26 करोड़ है। वित्त वर्ष 24 तक इसका कुल नेट वर्थ ₹3,229.97 करोड़ है।
Navratna Status: सरकार के इस फैसले के साथ अब भारत में कुल 26 नवरत्न कंपनियां हो गई हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज ने आज 3 मार्च को कहा कि उसने इन दोनों कंपनियों को उनकी पिछली 'मिनीरत्न' रेटिंग से अपग्रेड करते हुए 'नवरत्न' का दर्जा दे दिया है।
सरकार के इस फैसले के साथ अब भारत में कुल 26 नवरत्न कंपनियां हो गई हैं। IRCTC के शेयरों में आज BSE पर 0.75 फीसदी की बढ़त आई और यह 676.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं, IRFC में 1.11 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह शेयर 111.15 रुपये पर आ गया।
IRCTC रेल मंत्रालय के तहत एक सरकारी कंपनी है जिसका वार्षिक कारोबार ₹4,270.17 करोड़ है। कंपनी का प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स (PAT) ₹1,111.26 करोड़ है। वित्त वर्ष 24 तक इसका कुल नेट वर्थ ₹3,229.97 करोड़ है।
इसके अलावा, IRFC भी रेल मंत्रालय के तहत आता है, जिसका सााना टर्नओवर ₹26,644 करोड़ है। कंपनी का PAT ₹6,412 करोड़ है। वित्त वर्ष 24 के लिए इसकी कुल संपत्ति ₹49,178 करोड़ है।
भारत में सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटप्राइज (CPSE) को तीन प्रमुख कैटेगरी में बांटा गया है: मिनीरत्न (Miniratna), नवरत्न (Navratna) और महारत्न (Maharatna)। इन कैटेगरी का उद्देश्य सरकारी कंपनियों को अधिक स्वतंत्रता और निर्णय लेने की क्षमता देना है, ताकि वे निवेश और नए प्रोजेक्ट्स पर बिना सरकार से मंजूरी लिए काम कर सकें (एक तय सीमा तक)।
नवरत्न का दर्जा पाने के लिए कंपनी को पहले मिनीरत्न-I होना जरूरी है। इसके अलावा, कंपनी को लगातार तीन वर्षों तक मुनाफा कमाना चाहिए और किसी एक साल में कम से कम ₹30 करोड़ का प्री-टैक्स मुनाफा होना चाहिए।
साथ ही, कंपनी की नेट वर्थ पॉजिटिव होनी चाहिए। जो कंपनियां इन शर्तों को पूरा करती हैं, उन्हें नवरत्न का दर्जा दिया जाता है, जिससे उन्हें वित्तीय मामलों और कामकाज में अधिक स्वतंत्रता मिलती है।
मिनीरत्न-I का दर्जा पाने के अलावा, वे सरकारी कंपनियां (PSUs) जो पिछले 5 में से 3 वर्षों में "Excellent" या "Very Good" MoU रेटिंग हासिल करती हैं और छह सेलेक्टेड परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स में 60 या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त करती हैं, उन्हें नवरत्न का दर्जा मिल सकता है।
ये छह पैरामीटर हैं: नेट प्रॉफिट टू नेट वर्थ, कर्मचारियों की लागत का कुल उत्पादन लागत से अनुपात, PBDIT टू कैपिटल एम्प्लॉयड, PBIT टू टर्नओवर, अर्निंग्स पर शेयर (EPS), और इंटर-सेक्टर परफॉर्मेंस। वर्तमान में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics), NBCC और इंजीनियर्स इंडिया जैसी कंपनियां नवरत्न PSU का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं।
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