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  1. इंडियन मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ रेट में दिखी बंपर तेजी, अप्रैल में टूटा 10 महीनों का रिकॉर्ड

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इंडियन मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ रेट में दिखी बंपर तेजी, अप्रैल में टूटा 10 महीनों का रिकॉर्ड

Upstox

2 min read | अपडेटेड May 02, 2025, 14:18 IST

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सारांश

शुक्रवार को एक मंथली सर्वे में इसको लेकर जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) यानी कि मैनुफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स अप्रैल में बढ़कर 58.2 हो गया जो मार्च में 58.1 था।

मैनुफैक्चरिंग सेक्टर

भारत में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल में दिखी जमकर तेजी

इंडियन मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल के महीने में अच्छी खासी ग्रोथ देखने को मिली है। इतना ही नहीं जून 2024 के बाद से अप्रैल में ग्रोथ रेट सबसे तेज रहा है। शुक्रवार को एक मंथली सर्वे में इसको लेकर जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) यानी कि मैनुफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स अप्रैल में बढ़कर 58.2 हो गया जो मार्च में 58.1 था। यह 10 महीने में इस सेक्टर में सबसे मजबूत सुधार का संकेत है। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर इंडेक्स होने का मतलब प्रोडक्शन गतिविधियों में विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।

प्रोडक्शन वृद्धि में लेटेस्ट सुधार में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक नए व्यवसाय में तेज वृद्धि थी। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट को बेहतर डोमेस्टिक और इंटरनेशनल डिमांड समर्थन मिला। सर्वे के मुताबिक, कुल बिक्री को इंटरनेशनल ऑर्डर में तेज वृद्धि से समर्थन मिला। सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में विदेश से नया कारोबार 14 साल में सबसे अधिक स्तर पर बढ़ा। इस मांग का अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका ने नेतृत्व किया।

एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘अप्रैल में नए निर्यात ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में उत्पादन में संभावित बदलाव का संकेत दे सकती है, क्योंकि व्यवसाय उभरते व्यापार परिदृश्य और अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं के अनुकूल हो रहे हैं।’ इस सकारात्मक प्रवृत्ति के साथ रोजगार और क्रय गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

कीमतों के मोर्चे पर, भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग ने कंपनियों की मूल्य निर्धारण शक्ति को बढ़ावा दिया जिससे बिक्री शुल्क अक्टूबर 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़ गया। यह कच्चे माल की लागत में मामूली वृद्धि के बावजूद था। अप्रैल के आंकड़ों में आने वाले साल में प्रोडक्शन की संभावनाओं के बारे में मजबूत आशावाद स्पष्ट था, जो मांग की मजबूती की उम्मीदों से प्रेरित था। मार्केटिंग प्रयासों, दक्षता में वृद्धि और नए ग्राहक पूछताछ ने भी सकारात्मक पूर्वानुमानों को बल दिया। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।