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पाम ऑयल प्रोडक्शन को लेकर भारत का जबर्दस्त फ्यूचर प्लान, क्या मलेशिया पर निर्भरता होगी कम?

Upstox

3 min read | अपडेटेड June 17, 2025, 12:28 IST

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सारांश

Palm Oil के लिए अभी भारत की मलेशिया पर निर्भरता काफी ज्यादा है, लेकिन आने वाले समय में यह निर्भरता कम हो सकती है। भारत ने पाम खेती को लेकर जबर्दस्त प्लान बनाया है। चलिए समझते हैं कि आने वाले सालों में क्या कुछ बदला नजर आ सकता है।

पाम ऑयल प्रोडक्शन

पाम ऑयल प्रोडक्शन को लेकर भारत का जबर्दस्त फ्यूचर प्लान

मलेशिया की सरकारी एजेंसी सावित किनाबालु ग्रुप ने भारतीय उपभोक्ता सामान कंपनी पतंजलि ग्रुप को अभी तक पाम के 15 लाख बीज की आपूर्ति की है। मलेशिया की इस सरकारी एजेंसी ने पतंजलि ग्रुप के साथ पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है, जो 2027 में खत्म हो जाएगा। इस दौरान एजेंसी पाम के कुल 40 लाख बीज की आपूर्ति करेगी। मलेशिया, भारत को पाम तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, लेकिन यह पहली बार है जब किसी सरकारी एजेंसी ने पाम के बीजों की आपूर्ति के लिए समझौता किया है।

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यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत, पाम तेल के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू स्तर पर इसकी खेती को प्रोत्साहित कर रहा है। इस कॉन्ट्रैक्ट पर सावित किनाबालु ग्रुप की बीज से जुड़ी अनुषंगी कंपनी ने साइन किए हैं। यह अनुषंगी कंपनी हर साल पाम के एक करोड़ बीजों को संसाधित करती है। ग्रुप की बीज यूनिट के महाप्रबंधक डॉ. जुरैनी ने कहा, ‘हमने पतंजलि ग्रुप के साथ पाम के 40 लाख बीज की आपूर्ति के लिए पांच वर्ष का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। हमने अब तक 15 लाख बीज वितरित किए हैं।’

कंसल्टेशन सर्विसेज भी देता है सावित किनाबालु ग्रुप

अधिकारी ने बताया कि बीज आपूर्ति के अलावा कंपनी की ओर से कंसल्टेशन सर्विसेस दी जाएंगी, कृषि विशेषज्ञों द्वारा उत्पादन स्थल का दौरा किया जाएगा और रोपित बीजों की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। ग्रुप के मुख्य सतत अधिकारी नजलान मोहम्मद ने कहा, ‘भारत में रोपित हमारे बीज बेहतर उपज दे रहे हैं। पूर्वोत्तर में लगाए गए पौधे अच्छी स्थिति में हैं।’

मोहम्मद ने कहा कि मलेशिया की सरकार कुछ एरिया में पाम की फिर से रोपाई के लिए सब्सिडी दे रही है, इसलिए स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए सरकारी एजेंसी को भारत को बीज की आपूर्ति सीमित करनी होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी पाम के बीज की आपूर्ति के लिए अधिक भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करने को इच्छुक है।

पाम खेती को लेकर भारत का क्या है फ्यूचर प्लान?

पतंजलि ग्रुप, पूर्वोत्तर भारत में ‘पाम तेल मिल’ स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिसके 2026 तक चालू होने की उम्मीद है। भारत में वर्तमान में लगभग 3,69,000 हेक्टेयर भूमि पर पाम की खेती होती है, जिसमें से करीब 1,80,000 हेक्टेयर पर पाम लगभग तैयार है। खेती का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है जो 2024 तक लगभग 375,000 हेक्टेयर तक पहुंच गया। निकट भविष्य में इसमें 80,000 से 1,00,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र जुड़ने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य इसे 2030 तक 66 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करना है, जिससे 28 लाख टन पाम तेल का उत्पादन हो सकेगा। वित्त वर्ष 2021-22 में शुरू किया गया ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स-पाम ऑयल’ (एनएमईओ-ओपी) पाम की खेती को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है। इसके तहत मुख्य तौर पर पूर्वोत्तर भारत और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। भारत के पाम तेल के कुल उत्पादन में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल की 98% हिस्सेदारी है।

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