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  1. Diesel-Petrol और Ethanol से एक लेवल आगे की फ्यूल एनर्जी पर काम कर रहा इंडिया, केंद्रीय मंत्री ने बता दिया 2030 तक का पूरा प्लान

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Diesel-Petrol और Ethanol से एक लेवल आगे की फ्यूल एनर्जी पर काम कर रहा इंडिया, केंद्रीय मंत्री ने बता दिया 2030 तक का पूरा प्लान

Upstox

3 min read | अपडेटेड September 25, 2025, 14:40 IST

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सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया इवेंट में बताया कि सरकार ने PLI स्कीम के तहत 19,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 2023 में लॉन्च की गई नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का मकसद भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और निर्यात का वैश्विक हब बनाना है।

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फ्यूल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा इंडिया

भारत अब सिर्फ पेट्रोल, डीजल और एथेनॉल तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे एक कदम आगे बढ़कर हाइड्रोजन एनर्जी की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित World Hydrogen India कार्यक्रम में कहा कि हाइड्रोजन केवल भविष्य का ईंधन नहीं है, बल्कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक प्रतिस्पर्धा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक अहम स्तंभ है।

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केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

पुरी ने बताया कि भारत का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करना है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने एक मजबूत नीति ढांचा तैयार किया है और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत 19,700 करोड़ रुपये की सहायता भी दी जा रही है।

मंत्री ने कहा, “हर इलेक्ट्रोलाइज़र मैन्युफैक्चरर भारत आ रहा है क्योंकि उन्हें यहां अपार संभावनाएं दिख रही हैं।” उन्होंने बायोफ्यूल ब्लेंडिंग की उपलब्धि का भी जिक्र किया। भारत ने 10% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य तय समय से 5 महीने पहले हासिल किया और 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य भी छह साल पहले पूरा कर लिया।

भारत के लिए बड़ा विकल्प बनेगा

पुरी ने इंडियन ऑयल के पानीपत ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट और विशाखापट्टनम में टोक्यो एनर्जी की प्रतिस्पर्धी बोलियों के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि भारत में हाइड्रोजन उत्पादन लागत लगातार कम हो रही है, जो निवेशकों के विश्वास और तकनीकी परिपक्वता का संकेत है। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ग्रीन अमोनिया टेंडर्स पर चर्चा करते हुए पुरी ने ग्रीन अमोनिया को “महत्वपूर्ण निर्यात अवसर” बताया। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक गैस की तुलना में अधिक लॉजिस्टिक लाभ देता है और आने वाले समय में भारत के लिए बड़ा निर्यात विकल्प बन सकता है।

गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने 4 जनवरी 2023 को नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी। 19,744 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक हब बनाना है। इसका लक्ष्य 2030 तक प्रति वर्ष 5 MMT ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करना है।

मोदी का है विजन

पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2021 को घोषित विजन आज एक राष्ट्रीय मिशन का रूप ले चुका है। टेंडर आधारित मूल्य खोज, वैश्विक प्रतिस्पर्धा, बड़े ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोजेक्ट्स तथा सरकारी और निजी कंपनियों की भागीदारी ने भारत को आत्मनिर्भर और एक्सपोर्ट-रेडी हाइड्रोजन इकॉनमी की ओर अग्रसर कर दिया है। भारत का यह कदम न केवल घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और वैश्विक बाजार में ग्रीन एनर्जी लीडर बनने की दिशा में भी अहम साबित होगा।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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