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SEBI Chairman: तुहीन कांत पांडे बने 11वें सेबी चेयरमैन, माधबी पुरी बुच की जगह ली

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 28, 2025, 09:27 IST

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सारांश

Tuhin Kanta Pandey: ओडिशा काडर से 1987 बैच के IAS ऑफिसर पांडे के नाम पर कैबिनट की अपॉइंटमेंट्स कमिटी ने महुर लगाई है। उनका कार्यकाल पदभार संभालने से तीन साल तक होगा।

बजट, आयकर विधेयक बनाने में तुहीन कांत पांडे ने निभाई है अहम भूमिका।

बजट, आयकर विधेयक बनाने में तुहीन कांत पांडे ने निभाई है अहम भूमिका।

केंद्र सरकार ने सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India, SEBI) के नए चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया है। तुहीन कांत पांडे मार्केट रेग्युलेटर के 11वें चेयरमैन बने हैं। वह वाणिज्य विभाग में वित्त सचिव के पद पर थे।

पांडे ऐसे वक्त में SEBI की कमान संभालेंगे जब बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors, FIIs) के बाहर निकलने के चलते दबाव बढ़ा हुआ है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign portfolio investors, FPIs) ने इस साल जनवरी से अब तक ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश निकाल लिया है।

ओडिशा काडर से 1987 बैच के IAS ऑफिसर पांडे के नाम पर कैबिनट की अपॉइंटमेंट्स कमिटी ने महुर लगाई है। उनका कार्यकाल पदभार संभालने से तीन साल तक होगा। पांडे माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल आज शुक्रवार, 28 फरवरी को खत्म हो रहा है।

बजट, आयकर विधेयक को बनाने में भूमिका

पंजाब यूनिवर्सिटी से इकॉनमिक्स में MA और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघन से MBA करने वाले पांडे 9 जनवरी को वाणिज्य विभाग के सचिव बने थे। उन्होंने मिडिल क्लास को राहत देने वाले साल 2025-26 के बजट को बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

इसके अलावा उन्होंने नए आयकर विधेयक (New Income Tax Bill, 2025) को बनाने में भी योगदान दिया है। यह 6 दशक पुराने आयकर कानून, 1961 की जगह लेगा।

इसके पहले पांडे सबसे लंबे वक्त तक निवेश और पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट विभाग (Department of Investment and Public Asset Management, DIPAM) सेक्रटरी रहे थे। विभाग पब्लिक सेक्टर कंपनियों में सरकार की इक्विटी को मैनेज करता है।

निजीकरण पर काम

यहां 5 साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इकाइयों में डिसइन्वेस्टमेंट को आगे बढ़ाने के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज पॉलिसी लागू की। इसके जरिए सरकार की देश की इकॉनमी के अलग-अलग सेक्टर्स की PSEs में से सरकार की भूमिका को कम करने की तैयारी की गई।

पांडे ने एयर इंडिया और IDBI के निजीकरण के प्लान से करीबी से जुड़े रहे। केंद्र में वह प्लानिंग कमीशन (अब नीति आयोग) के जॉइंट सेक्रटरी और वाणिज्य मंत्रालय में जॉइंट, कैबिनेट और डेप्युटी सेक्रटरी भी रहे हैं।

वहीं, पांडे अपने करियर शुरुआती दौर में स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन, कमर्शल टैक्स, ट्रांसपोर्ट और फाइनेंस के प्रशासनिक हेड रह चुके हैं। वह ओडिशा स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर और ओडिशा स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रहे हैं।

पिछले महीने SEBI के चेयरपर्सन के पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। सरकार फाइनेंशियल सेक्टर रेग्युलेटरी अपॉइंटमेंट्स सर्च कमिटी के सुझाव पर सेबी चेयर की नियुक्ति करती है। यह कमिटी मेरिट के आधार पर ऐसे किसी शख्स को भी नामित कर सकती है जिसने अलग से आवेदन ना किया हो। इसकी अध्यक्षता कैबिनेट सेक्रटरी करते हैं।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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