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  1. भारत पर कितना भारी पड़ सकता है ट्रंप टैरिफ, कैसे 70% तक निर्यात पर पड़ेगा असर? यहां समझें हर एक बात

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भारत पर कितना भारी पड़ सकता है ट्रंप टैरिफ, कैसे 70% तक निर्यात पर पड़ेगा असर? यहां समझें हर एक बात

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 08, 2025, 09:26 IST

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सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की। इससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया। यह एक्स्ट्रा टैरिफ रूस से तेल की खरीद को लेकर बतौर जुर्माना लगाया गया है। 50% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।

भारत और अमेरिका

भारत पर ट्रंप के 50% का पड़ेगा कितना असर?

शोध संस्थान Global Trade Research Initiative (जीटीआरआई) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय वस्तुओं पर 50% अमेरिकी टैरिफ लगाने से झींगा, ऑर्गेनिक रसायन, परिधान और आभूषण सहित नौ प्रोडक्ट कैटेगरी के निर्यात पर 50-70% तक असर पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की। इससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया। यह एक्स्ट्रा टैरिफ रूस से तेल की खरीद को लेकर बतौर जुर्माना लगाया गया है। 50% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। यह सामान्य अमेरिकी आयात शुल्क के अतिरिक्त है। US को सबसे ज्यादा तरजीही राष्ट्र (MFN, Most Favoured Nation) टैरिफ कहा जाता है, इस फैसले से भारत अमेरिका के सबसे अधिक टैरिफ वाले व्यापार साझेदारों में से एक बन गया है।

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टैरिफ के मामले में भारत की स्थिति चीन (30%), वियतनाम (20%) से भी खराब है और यह ब्राजील के बराबर है। जीटीआरआई ने अपने विश्लेषण में भारत के निर्यात खंडों को तीन कैटेगरी में बांटा है।

चलिए समझते हैं कि ये तीन कौन-कौनी सी कैटेगरी हैं- 1- बहुत अधिक प्रभाव वाले सेक्टर्स (निर्यात में 50-70% की कमी आ सकती है) 2- ज्यादा प्रभाव वाले सेक्टर्स (निर्यात में 30-50% की कमी आ सकती है) और 3- कम या कोई प्रभाव नहीं वाले सेक्टर्स।

पहली कैटेगरी में क्या-क्या आता है?

पहली कैटेगरी में नौ प्रोडक्ट्स कैटेगरी... झींगा, ऑर्गेनिक रसायन, कालीन, बुने हुए परिधान, मेड-अप, हीरे, सोना और आभूषण, मशीनरी और मशीनरी उपकरण, और फर्नीचर और बिस्तर... हैं।

दूसरी कैटेगरी में क्या-क्या आता है?

उच्च प्रभाव वाली कैटेगरी में शामिल चीजों में इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा और वाहन कलपुर्जे हैं।

तीसरी कैटेगरी में क्या-क्या आता है?

जीटीआरआई के अनुसार, तीसरी कैटेगरी की चीजों में दवाइयां, स्मार्टफोन और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स हैं।

भारत ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में अमेरिका को दो अरब डॉलर मूल्य के झींगे का निर्यात किया, जो कुल अमेरिकी झींगा आयात का 9.52% है। अब इन पर 50% टैरिफ, डंपिंग रोधी ड्यूटी और 10% का प्रतिपूरक ड्यूटी लगाई जा रही है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘भारत को कनाडा (16.16% हिस्सेदारी, यूएसएमसीए के तहत शून्य टैरिफ) और चिली (15.02% हिस्सेदारी, 10% टैरिफ) से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इतने अधिक शुल्कों के कारण, भारतीय झींगे के लिए चिली जैसे कम टैरिफ वाले प्रतिस्पर्धियों के हाथों महत्वपूर्ण स्थान खोने का जोखिम है।’

भारत ने अमेरिका को 2024-25 में 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के कार्बनिक रसायन का निर्यात किया। इसकी बाजार हिस्सेदारी 5.11% है। अब उस पर कुल 54% टैरिफ (4% एमएफएन जमा 50% ट्रंप टैरिफ) का सामना करना पड़ रहा है।

इसके विपरीत, आयरलैंड (36.11% हिस्सेदारी) केवल 15% और स्विट्जरलैंड (6.46%) 39% टैरिफ का भुगतान करता है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय रसायन निर्यातकों को इन कम टैरिफ वाले आपूर्तिकर्ताओं के सामने प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए जूझना होगा।’

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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