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3 min read | अपडेटेड March 07, 2025, 16:27 IST
सारांश
रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को कंट्रोल करने को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें छह बड़े फैसले लिए गए हैं। रेलवे स्टेशनों पर अब कंफर्म टिकट के साथ ही फ्लैटफॉर्म पर एंट्री मिलेगी। चलिए जानते हैं क्या-क्या फैसले लिए गए।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
हाल ही में महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों के मरने की खबर आई थी। एएनआई के मुताबिक आज रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कंट्रोल करने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए। जिसमें से एक जो बड़ा फैसला है वह यह है कि रेलव स्टेशनों पर कंफर्म टिकट के साथ ही अब प्लैटफॉर्म तक आप जा पाएंगे। इस उच्च स्तरीय बैठक में छह अहम फैसले लिए गए हैं, चलिए जानते हैं कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। भारत में त्यौहारों के समय रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ना पहले से चिंता का विषय रहा है और समय-समय पर इसको लेकर कुछ अनचाही घटनाएं भी घटती रहती हैं, ऐसे में इन फैसलों के बाद भीड़ कंट्रोल करने को लेकर क्या कुछ बदलता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
पिछले त्यौहारी सीजन और महाकुंभ के अनुभवों के आधार पर देशभर के 60 स्टेशनों पर जहां भारी भीड़ रहती है, वहां बाहर स्थायी वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे। नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। यात्रियों को प्लैटफॉर्म पर तभी जाने दिया जाएगा, जब ट्रेनें प्लैटफॉर्म पर आ जाएंगी। इससे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी।
60 स्टेशनों पर कंप्लीट एक्सेस कंट्रोल लागू किया जाएगा। केवल कन्फर्म रिजर्व टिकट वाले पैसेंजर्स को ही प्लैटफॉर्म पर जाने दिया जाएगा और सभी अनाधिकृत एंट्री पॉइंट्स को सील कर दिया जाएगा।
12 मीटर चौड़े (40 फीट) और 6 मीटर चौड़े (20 फीट) मानक एफओबी के दो नए डिजाइन बनाए गए हैं। रैंप वाले ये चौड़े एफओबी महाकुंभ के दौरान भीड़ मैनेज करने में बहुत काम के रहे। ये नए मानक चौड़े एफओबी सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे।
महाकुंभ के दौरान भीड़ मैनेजमेंट में कैमरों ने बड़ी मदद की। सभी स्टेशनों और आस-पास के इलाकों में कड़ी निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे।
बड़े स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए जाएंगे। भीड़भाड़ की स्थिति में सभी डिपार्टमेंट्स के अधिकारी वॉर रूम में काम करेंगे।
सभी प्रमुख स्टेशनों पर स्टेशन डायरेक्टर के रूप में एक सीनियर अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। स्टेशन डायरेक्टर को वित्तीय रूप से सशक्त बनाया जाएगा ताकि वह स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए मौके पर ही फैसला ले सके। स्टेशन डायरेक्टर को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकटों की बिक्री को कंट्रोल करने का भी अधिकार दिया जाएगा।
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