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  1. IOC, BPCL और HPCL के लिए खुशखबरी, LPG की बिक्री से हुए नुकसान की जल्द भरपाई कर सकती है सरकार

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IOC, BPCL और HPCL के लिए खुशखबरी, LPG की बिक्री से हुए नुकसान की जल्द भरपाई कर सकती है सरकार

Upstox

2 min read | अपडेटेड July 10, 2025, 18:09 IST

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सारांश

वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे या हानि और उसकी भरपाई के लिए तंत्र पर काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में सरकार ने घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। हालांकि सरकार ने अप्रैल में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाया।

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तेल कंपनियों को जल्द ही 30000-35000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा सकती है।

सरकारी तेल कपनियों के लिए खुशखबरी है। सरकार पिछले 15 महीने में लागत से कम कीमत पर LPG बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाने जा रही है। इसके तहत कंपनियों को 30000-35000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा सकती है। इसका फायदा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसी कंपनियों को होगा। पीटीआई ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी।

क्या है सरकार की योजना?

अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय वास्तविक घाटे या हानि और उसकी भरपाई के लिए तंत्र पर काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) के केंद्रीय बजट में सरकार ने घाटे की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है।

हालांकि सरकार ने अप्रैल में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू जुटाया। वित्त मंत्रालय इस अतिरिक्त रेवेन्यू का उपयोग इस्तेमाल लागत से कम कीमत पर की गई बिक्री से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर सकता है।

अधिकारी ने क्या कहा?

अधिकारी ने कहा, ‘‘ तेल विपणन कंपनियां (OMC) सरकार का हिस्सा हैं। नुकसान की भरपाई की जाएगी। हम मूल्यांकन कर रहे हैं कि कितना नुकसान हुआ। उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने के तौर-तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।’’

रसोई गैस की कीमतों पर सरकार का कंट्रोल

घरेलू रसोई गैस की कीमतों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है ताकि आम जनता को ऊंची बाजार दरों से बचाया जा सके। नियंत्रित कीमतें सऊदी अरब के घरेलू रसोई गैस (सीपी) से कम हैं जो घरेलू रसोई गैस की कीमत तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय मानक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू रसोई गैस का उत्पादन स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और ईंधन का आयात करना पड़ता है।

इससे ईंधन खुदरा विक्रेताओं को लागत से कम कीमत पर बिक्री करनी पड़ती है और नतीजतन उन्हें नुकसान होता है। वित्त वर्ष 2024-25 में उद्योग को एलपीजी की बिक्री से करीब 40,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। अधिकारी ने बताया कि एक बार तेल विपणन कंपनियों को धनराशि जारी कर दी जाए तो यह उनका विशेषाधिकार होगा कि वे पूंजीगत व्यय सहित धनराशि का इस्तेमाल किस प्रकार करना चाहती हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।