बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड April 22, 2025, 09:00 IST
सारांश
Safeguard Duty on Certain Steel Products: घरेलू स्टील उत्पादकों को सस्ते आयात से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ स्टील उत्पादों के आयात पर 200 दिन के लिए सेफगार्ड ड्यूटी लगा दी है। सरकार के इस फैसले का उद्योग ने स्वागत किया है। हॉट रोल्ड कॉयल, चादर और प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों के आयात पर यह शुल्क लगाया गया है।
Steel Stock: निफ्टी मेटल इंडेक्स भी आज एक फीसदी से अधिक का उछाल देखने को मिल रहा है।
भारत ने कुछ इस्पात उत्पादों (Steel products) पर 200 दिन के लिए 12% सेफगार्ड ड्यूटी यानी बचाव उपायों के लिए शुल्क लगाया है। सरकार का कहना है कि वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (GDTR) की सिफारिश घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात की बाढ़ से बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। शुल्क लगाने का यह सुझाव पिछले महीने दिया गया था।
राजस्व विभाग की ओर से जानकारी में कहा गया है कि इस अधिसूचना के तहत लगाया गया रक्षोपाय शुल्क अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से दो सौ दिन की अवधि (जब तक कि इसे पहले रद्द, प्रतिस्थापित या संशोधित नहीं किया जाता) के लिए प्रभावी रहेगा। हॉट रोल्ड कॉयल, चादर और प्लेट जैसे इस्पात उत्पादों के आयात पर यह शुल्क लगाया गया है।
वहीं, इसके बारे में केंद्रीय इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर 12% रक्षोपाय शुल्क(Safeguard duty) लगाने के सरकार के फैसले से घरेलू उत्पादकों, मुख्य रूप से एसएमई को राहत मिलेगी, जिन्हें बढ़ते आयात के कारण भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
कुमारस्वामी ने कहा कि इस कदम से घरेलू उत्पादकों, खासकर छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों को राहत मिलेगी, जिन्हें बढ़ते आयात से भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। सेफगार्ड ड्यूटी बाजार में स्थिरता बहाल करने और घरेलू उद्योग के विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगी।
इस्पात मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि यह उपाय घरेलू इस्पात विनिर्माताओं को आयात बढ़ने के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए समय पर उठाया गया आवश्यक कदम है।
उन्होंने कहा कि इस्पात मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है कि घरेलू इस्पात क्षेत्र मजबूत, आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बना रहे।
इस बीच, टाटा स्टील के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर टी वी नरेन्द्रन ने कहा कि कुछ इस्पात आयात पर रक्षोपाय शुल्क लगाना भारत में अनुचित मूल्य पर आयात की बढ़ती समस्या से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह महत्वपूर्ण कदम भारतीय विनिर्माताओं को अनुचित निर्यात से संरक्षण देगा, घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा और मजबूत आत्मनिर्भर भारत की ओर हमारे कदम को आगे बढ़ाएगा।
इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप के भारत के स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को लेकर अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में कहा था कि इन उत्पादों के आयात पर लगाया गया शुल्क बचाव उपायों के चलते नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से लगाया गया है। भारत ने WTO में इस टैरिफ के फैसले पर चर्चा का अनुरोध किया था जिसके जवाब में अमेरिका ने यह दावा किया।
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
अगला लेख
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।