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  1. 2025 के पहले क्वार्टर में भारत में खरीदा गया ₹94,030 करोड़ का Gold, फिर भी डिमांड में दिखी 15% की गिरावट

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2025 के पहले क्वार्टर में भारत में खरीदा गया ₹94,030 करोड़ का Gold, फिर भी डिमांड में दिखी 15% की गिरावट

Upstox

3 min read | अपडेटेड April 30, 2025, 13:31 IST

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सारांश

इस साल के पहले क्वार्टर में सोने की औसत तिमाही कीमत 79,633.4 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि 2024 के पहले क्वार्टर में यह 55,247.2 रुपये थी। इस बीच, 2025 की जनवरी-मार्च क्वार्टर में ग्लोबल सोने की मांग 1% बढ़कर 1,206 टन हो गई है जो 2019 के बाद पहले क्वार्टर में दर्ज सर्वाधिक मांग है।

गोल्ड डिमांड

2025 के पहले क्वार्टर में घटी गोल्ड की डिमांड, लेकिन कीमत ने छुआ आसमान

Gold demand in India: भारत की सोने की मांग इस साल जनवरी-मार्च क्वार्टर में 15% घटकर 118.1 टन रह गई, जबकि बढ़ती कीमतों के कारण इसकी कीमत 22% बढ़कर 94,030 करोड़ रुपये हो गई। World Gold Council (WGC) यानी कि विश्व स्वर्ण परिषद के बुधवार को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 2025 तक भारत की सोने की मांग 700-800 टन के बीच रह सकती है। साल 2025 की शुरुआत से सोने की कीमतें 25% तक बढ़ चुकी हैं, जो 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की सीमा पर पहुंच गई, जिससे कंज्यूमर्स के खरीद के तरीके में बदलाव आया है। डब्ल्यूजीसी इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने अपनी क्वार्टर रिपोर्ट में कहा, ‘ऊंची कीमतों ने सामर्थ्य को प्रभावित किया है। फिर भी सोने का स्थायी सांस्कृतिक महत्व खासकर अक्षय तृतीया और आने वाला शादी सीजन खरीदारी की भावना को सपोर्ट दे रहा है।’

विशेषज्ञों के अनुसार, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गोल्ड मार्केट उत्साह से भरा हुआ है। इस दिन का भारत में अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व है और पारंपरिक रूप से इस अवसर पर सोने की खरीदारी में भारी वृद्धि होती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मौजूदा कीमतों के कारण कुछ लोग सावधानी बरत सकते हैं, लेकिन अक्षय तृतीया के दौरान सोने का अंतर्निहित सांस्कृतिक महत्व और विश्वसनीय परिसंपत्ति के रूप में इसकी स्थायी स्थिति, खरीदारी में निरंतर पॉजिटिव गति का संकेत देती है। फिर भी निवेश मांग मजबूत बनी रही और यह जनवरी-मार्च में 43.6 टन से 7% बढ़कर 46.7 टन हो गई।

गोल्ड ज्वेलरी खरीदने से बच रहे हैं लोग?

हालांकि, कैलेंडर ईयर 2025 के पहले (जनवरी-मार्च) क्वार्टर के दौरान आभूषणों की मांग 25% घटकर 71.4 टन रह गई, जो एक साल पहले के इसी पीरियड में 95.5 टन थी। डब्ल्यूजीसी के अनुसार, यह 2020 के बाद से सबसे कम मात्रा थी, हालांकि कीमत सालाना आधार पर 3% अधिक रही। सोने का आयात जनवरी-मार्च क्वार्टर में 8% बढ़कर 167.4 टन हो गया, जबकि उपभोक्ताओं द्वारा रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद अपने सोने को बचाए रखने के कारण रिसाइक्लिंग 32% घटकर 26 टन रह गई।

ग्लोबल गोल्ड डिमांड भी बढ़ी

इस साल के पहले क्वार्टर में सोने की औसत तिमाही कीमत 79,633.4 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि 2024 के पहले क्वार्टर में यह 55,247.2 रुपये थी। इस बीच, 2025 की जनवरी-मार्च क्वार्टर में ग्लोबल सोने की मांग 1% बढ़कर 1,206 टन हो गई है जो 2019 के बाद पहले क्वार्टर में दर्ज सर्वाधिक मांग है।

भाषा इनपुट के साथ
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