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  1. Gold-Silver ने दी खुशी, शेयर बाजार ने रुलाया: 1 साल में रिटर्न की दौड़ में कैसे आगे निकले सोना-चांदी?

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Gold-Silver ने दी खुशी, शेयर बाजार ने रुलाया: 1 साल में रिटर्न की दौड़ में कैसे आगे निकले सोना-चांदी?

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड October 09, 2025, 19:16 IST

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सारांश

Nifty 50 ने सितंबर 2024 में 26,277 का रिकॉर्ड हाई बनाया था। यह पिछले एक साल से उस स्तर को पार नहीं कर सका है और अब भी लगभग 4 फीसदी नीचे है। सेंसेक्स भी अपने रिकॉर्ड 85,978.25 अंक से 4.40% गिरा हुआ है। इस सुस्ती के पीछे विदेशी निवेशकों की बिकवाली, ऊंचे वैल्यूएशन और कमजोर वैश्विक माहौल जैसी वजहें हैं।

Gold-Silver

Gold-Silver: दिल्ली में चांदी 6000 रुपये की तेजी के साथ 1,63,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई।

Gold-Silver Price: सोने के साथ ही चांदी की कीमत भी लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। आज गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चांदी 6000 रुपये की तेजी के साथ 1,63,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। चांदी ने पिछले एक साल में सोने से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में सोने ने 50 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। दूसरी तरफ चांदी ने भी पिछले एक साल में करीब 59 फीसदी का जबरदस्त मुनाफा कराया है।
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एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार चांदी में जबरदस्त उछाल

चांदी में एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार इतना तेज उछाल आया है। छह अक्टूबर को यह 7,400 रुपये चढ़कर 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, बुधवार को कारोबार के अंत में चांदी की कीमत 1,57,000 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

स्थानीय सर्राफा बाजार में, 99.9 फीसदी और 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना गुरुवार को अपने ऑल टाइम हाई से क्रमशः 1,26,600 रुपये और 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर अपरिवर्तित रहा। इंटरनेशनल मार्केट में हाजिर सोना मामूली गिरावट के साथ 4,039.26 डॉलर प्रति औंस पर जबकि चांदी एक फीसदी से अधिक बढ़कर 49.67 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

सोने-चांदी ने शेयर बाजार को पछाड़ा

Nifty 50 ने सितंबर 2024 में 26,277 का रिकॉर्ड हाई बनाया था। यह पिछले एक साल से उस स्तर को पार नहीं कर सका है और अब भी लगभग 4 फीसदी नीचे है। सेंसेक्स भी अपने रिकॉर्ड 85,978.25 अंक से 4.40% गिरा हुआ है। इस सुस्ती के पीछे विदेशी निवेशकों की बिकवाली, ऊंचे वैल्यूएशन और कमजोर वैश्विक माहौल जैसी वजहें हैं। अक्टूबर 2024 से अब तक विदेशी निवेशकों (FIIs) ने करीब ₹2.42 लाख करोड़ की रिकॉर्ड बिकवाली की है। कड़े नियम, कमजोर तिमाही नतीजे और वैश्विक अनिश्चितता से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

क्या है चांदी के भाव में तेजी की वजह?

चांदी को निवेश और इंडस्ट्रियल डिमांड, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के अनुमान से सपोर्ट मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अपने पिछले लक्ष्यों को हासिल करने के बाद चांदी में और भी तेजी आने की संभावना है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) को उम्मीद है कि कॉमेक्स चांदी वायदा शुरुआत में 45 डॉलर प्रति औंस और तेजी के अगले चरण में 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चांदी के तेजी के अनुमान को कई फैक्टर्स का समर्थन प्राप्त है।

इंडस्ट्रियल डिमांड से मिली मजबूती

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका स्थित सिल्वर इंस्टिट्यूट का अनुमान है कि वर्ष 2025 में औद्योगिक मांग कुल उत्पादन का लगभग 60 फीसदी हो सकती है। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी हरित प्रौद्योगिकियों की मांग अगली कुछ तिमाहियों में चांदी के लिए सकारात्मक तस्वीर पेश करती रहेगी। भारत ने वर्ष 2025 की पहली छमाही में 3000 टन से अधिक चांदी का आयात किया है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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