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  1. डीजल में Ethanol ब्लेंडिंग फेल, अब इसकी जगह मिलाया जाएगा Isobutanol: नितिन गडकरी

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डीजल में Ethanol ब्लेंडिंग फेल, अब इसकी जगह मिलाया जाएगा Isobutanol: नितिन गडकरी

Upstox

2 min read | अपडेटेड September 11, 2025, 18:04 IST

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सारांश

Diesel Ethanol Blending: गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने को लेकर बहस जारी है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से गाड़ियों की माइलेज कम होती है और इंजन पर भी बुरा असर पड़ता है।

Nitin Gadkari

Nitin Gadkari ने कहा कि एथेनॉल मिश्रण के कारण मक्के की कीमतों में वृद्धि हुई है।

अब डीजल में एथेनॉल (Ethanol) की जगह आइसोब्यूटानॉल (Isobutanol) मिलाया जाएगा। यह जानकारी दी है केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने। उन्होंने बताया कि डीजल में एथेनॉल मिलाने की कोशिशें सफल नहीं हो पाईं, इसलिए अब सरकार ने Isobutanol को चुनने का फैसला किया है। यह घोषणा उन्होंने इंडिया शुगर एंड बायो-एनर्जी कॉन्फ्रेंस में की।

एथेनॉल मिलाने को लेकर चल रही है बहस

गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने को लेकर बहस जारी है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से गाड़ियों की माइलेज कम होती है और इंजन पर भी बुरा असर पड़ता है। हालांकि, भारत ने हाल ही में पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय समय से पांच साल पहले ही हासिल कर लिया है। गडकरी का कहना है कि इस कार्यक्रम से मक्का जैसी फसलों की खेती को भी बढ़ावा मिला है।

पिछले महीने गडकरी ने कहा था कि सरकार डीजल में 10% तक बायोफ्यूल (जैसे आइसोब्यूटानॉल) मिलाने की दिशा में काम कर रही है। इसका महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि भारत में इस्तेमाल होने वाले कुल तेल का लगभग 40% हिस्सा डीजल है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश में डीजल की खपत 2% बढ़कर 91.4 मिलियन टन तक पहुंच चुकी है। ऐसे में अगर केवल 10% भी बायोफ्यूल मिलाया जाता है, तो यह उद्योगों के लिए एक बड़ा बाजार तैयार कर सकता है।

मक्का किसानों को फायदा: गडकरी

गडकरी ने कहा कि एथेनॉल मिश्रण के कारण मक्के की कीमतों में वृद्धि हुई है और इस प्रोग्राम के कारण मक्के के किसानों ने 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। गडकरी ने पहले कहा था कि भारत अब चावल, गेहूं, चीनी और मक्के का सरप्लस उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि इस सरप्लस को बायोफ्यूल में बदलने से कृषि आय में सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि एथेनॉल उत्पादन ने शुगर इंडस्ट्री को गन्ना भुगतान में लंबे समय तक देरी से बचाया है, जिससे किसानों को समय पर मुआवजा मिल सका है।

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