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  1. गेहूं, मसूर, सरसों समेत सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, यहां पढ़ें पूरी डीटेल

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गेहूं, मसूर, सरसों समेत सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, यहां पढ़ें पूरी डीटेल

Upstox

2 min read | अपडेटेड October 01, 2025, 16:52 IST

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सारांश

केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए 2026-27 सीजन के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सूरजमुखी में ₹600 प्रति क्विंटल हुई है। मसूर ₹300 और गेहूं ₹160 महंगा हुआ है। इससे किसानों को फसलों पर ज्यादा कमाई मिलेगी।

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कैबिनेट बैठक में रबी फसलों का MSP बढ़ाने का फैसला हुआ।

त्योहारों से पहले सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। कैबिनेट की बैठक में यह तय हुआ कि 2026-27 सीजन के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया जाएगा। MSP वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से सीधा अनाज खरीदती है, ताकि उन्हें कम दाम पर फसल बेचनी न पड़े।

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किस फसल में कितना बढ़ा दाम

नई दरों के हिसाब से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सूरजमुखी में हुई है। इसका दाम ₹600 प्रति क्विंटल बढ़ाकर ₹6,540 कर दिया गया है। मसूर ₹300 बढ़कर ₹7,000 हो गया है। इसके अलावा चना ₹225, सरसों-राई ₹250, जौ ₹170 और गेहूं ₹160 महंगा हुआ है।

नई MSP दरें (₹ प्रति क्विंटल)

गेहूं: ₹2,585 (पहले ₹2,425)

जौ: ₹2,150 (पहले ₹1,980)

चना: ₹5,875 (पहले ₹5,650)

मसूर: ₹7,000 (पहले ₹6,700)

सरसों-राई: ₹6,200 (पहले ₹5,950)

सूरजमुखी: ₹6,540 (पहले ₹5,940)

लागत से ज्यादा फायदा

सरकार का कहना है कि MSP को इस तरह तय किया गया है कि किसानों को उनकी लागत से कम से कम डेढ़ गुना दाम मिले। जैसे कि गेहूं की उत्पादन लागत ₹1,239 प्रति क्विंटल है, लेकिन सरकार ₹2,585 देगी। इसी तरह मसूर में 89% और सरसों में 93% ज्यादा फायदा मिलेगा।

क्यों किया गया बदलाव

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार मसूर और सूरजमुखी जैसी फसलों के दाम ज्यादा बढ़ाने का मकसद किसानों को सिर्फ गेहूं और धान पर निर्भर रहने से रोकना है। अगर किसान दूसरी फसलें भी बोएंगे तो जमीन का इस्तेमाल बेहतर होगा और उन्हें ज्यादा कमाई मिलेगी।

किसानों की जेब में पहुंचेगा ज्यादा पैसा

MSP बढ़ने से लाखों किसानों की आमदनी बढ़ेगी। खासकर उन इलाकों में जहां मसूर, चना और सरसों की खेती ज्यादा होती है, वहां किसानों को अच्छा फायदा होगा। त्योहारों के समय उनकी जेब में ज्यादा पैसा आने से गांव और कस्बों की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

सरकार का यह फैसला किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बेहतर दाम दिलाने की दिशा में अहम कदम है। आने वाले महीनों में इसका असर सीधा बाजार और ग्रामीण जीवन पर दिखाई देगा। किसानों को न केवल लागत से ज्यादा दाम मिलेगा बल्कि वे नई-नई फसलें बोने के लिए भी प्रेरित होंगे।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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