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  1. 50 स्टार्टअप्स की चमकेगी किस्मत, सरकार और एचयूएल मिलकर करेंगे मदद, जानिए क्या है प्रोजेक्ट सर्कुलर भारत?

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50 स्टार्टअप्स की चमकेगी किस्मत, सरकार और एचयूएल मिलकर करेंगे मदद, जानिए क्या है प्रोजेक्ट सर्कुलर भारत?

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 11, 2025, 11:55 IST

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सारांश

कूड़े और प्लास्टिक की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ी पहल शुरू हुई है। इस रिपोर्ट में जानिए कि कैसे नीति आयोग और एचयूएल मिलकर नए बिजनेस आइडियाज को सपोर्ट करेंगे। प्रोजेक्ट सर्कुलर भारत के जरिए किन स्टार्टअप्स को फायदा होगा और उन्हें किस तरह की मदद मिलेगी।

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अब सर्कुलर इकोनॉमी को मिलेगा बढ़ावा।

भारत में कचरे की समस्या और खासकर प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार और कॉरपोरेट जगत ने एक बड़ी पहल की है। नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और देश की दिग्गज एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर एक ऐसा प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं जिससे देश में सर्कुलर इकोनॉमी को तेजी मिलेगी।

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अगले तीन साल का रोडमैप तैयार

इस साझेदारी के तहत एचयूएल के फ्लैगशिप अभियान 'प्रोजेक्ट सर्कुलर भारत' को आगे बढ़ाया जाएगा। इसका लक्ष्य अगले तीन सालों में ऐसे 50 होनहार स्टार्टअप्स की पहचान करना है जो इस क्षेत्र में कुछ नया कर रहे हैं। यह प्रोग्राम उन स्टार्टअप्स को प्राथमिकता देगा जो प्लास्टिक सर्कुलैरिटी पर काम कर रहे हैं। यानी ऐसे आइडियाज जो प्लास्टिक को रिसाइकिल करने, उसे दोबारा इस्तेमाल करने या रिफिल मॉडल तैयार करने में मदद करें। इसके अलावा पैकेजिंग के ऐसे नए तरीके खोजने पर भी जोर दिया जाएगा जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

सिर्फ प्लास्टिक ही नहीं, इन पर भी होगा फोकस

खास बात यह है कि यह मिशन केवल प्लास्टिक तक सीमित नहीं रहेगा। इस प्रोग्राम के जरिए उन स्टार्टअप्स को भी सहारा दिया जाएगा जो कपड़ों के कचरे (टेक्सटाइल वेस्ट) और इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-वेस्ट) को सही तरीके से ठिकाने लगाने या दोबारा उपयोग में लाने पर काम कर रहे हैं। कचरे से कीमती सामग्री को वापस निकालने की तकनीक पर काम करने वाले युवाओं को इससे बड़ा मंच मिलेगा।

स्टार्टअप्स को मिलेगी फंडिंग और सलाह

इस प्रोग्राम में चुने गए स्टार्टअप्स को सिर्फ पहचान ही नहीं मिलेगी, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग दिया जाएगा। उन्हें इंडस्ट्री के बड़े नेताओं, नीति बनाने वाले विशेषज्ञों और निवेशकों से मेंटरशिप मिलेगी। इसके साथ ही, बेहतरीन काम करने वाले स्टार्टअप्स को ग्रांट फंडिंग यानी आर्थिक मदद भी मिल सकती है। उन्हें अपने आइडिया को बाजार में परखने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाने का मौका भी दिया जाएगा। इसमें नीति आयोग की नीतियों की समझ और एचयूएल का विशाल नेटवर्क मिलकर काम करेगा।

एचयूएल के कार्यकारी निदेशक बीपी बिदप्पा ने इस साझेदारी पर खुशी जताते हुए कहा कि प्लास्टिक के लिए सर्कुलर इकोनॉमी बनाना बहुत जरूरी है। उनका मानना है कि जो भारत के लिए अच्छा है, वही एचयूएल के लिए भी अच्छा है। सरकार और इंडस्ट्री के मिलन से हम नए दौर के स्टार्टअप्स को ताकत दे पाएंगे। वहीं, अटल इनोवेशन मिशन के मिशन डायरेक्टर डॉ दीपक बागला ने कहा कि यह सहयोग प्रधानमंत्री के विजन को आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास हमारे लिए केवल एक नारा नहीं बल्कि एक प्रतिबद्धता है। हम ऐसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रहे हैं जो भारत में संसाधनों के इस्तेमाल का तरीका बदल देंगे।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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