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अडानी समूह का बड़ा धमाका! खावड़ा में लगेगी भारत की सबसे बड़ी BESS यूनिट, ये है पूरा प्लान

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 13:46 IST

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सारांश

अडानी समूह ने बैटरी ऊर्जा भंडारण (BESS) क्षेत्र में कदम रख दिया है। समूह गुजरात के खावड़ा में 1126 मेगावाट/ 3530 मेगावाट क्षमता की बैटरी स्टोरेज सिस्टम लगाएगा। यह मार्च 2026 तक चालू हो सकती है। आइए इसका डीटेल समझते हैं।

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अडानी ग्रुप का बैटरी सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान

ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के दिग्गज अडानी ग्रुप ने मंगलवार को एक बड़ी घोषणा की है। समूह ने बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षेत्र (BESS) में जोरदार एंट्री का ऐलान किया है। इस कदम के तहत, अडानी समूह गुजरात के खावड़ा में भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल लोकेशन स्टोरेज परियोजनाओं में से एक को स्थापित करने जा रहा है। यह परियोजना न केवल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करेगी, बल्कि ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भी भारत की स्थिति को एक नई ऊंचाई देगी। समूह की यह पहल भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता के लक्ष्यों को हासिल करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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खावड़ा में लगेगी दुनिया की सबसे बड़ी यूनिट

अडानी समूह ने अपने बयान में बताया कि बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) गुजरात के खावड़ा में स्थापित की जाएगी। इस परियोजना की विद्युत क्षमता 1126 मेगावाट और ऊर्जा क्षमता 3530 मेगावाट होगी। आसान भाषा में इसका मतलब यह है कि यह BESS यूनिट 3530 मेगावाट ऊर्जा को स्टोर करने में सक्षम होगी, जिससे 1126 मेगावाट की विद्युत क्षमता को लगभग तीन घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा। यह परियोजना खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परिसर का हिस्सा होगी, जिसे पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र बताया जा रहा है।

मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद

यह परियोजना काफी तेज गति से पूरी की जाएगी। समूह के मुताबिक, इस सुविधा में 700 से अधिक BESS कंटेनर शामिल होंगे और इसके मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद है। इस रणनीतिक प्रवेश के साथ, अडानी समूह उन वैश्विक ऊर्जा दिग्गजों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो बड़े पैमाने पर भंडारण इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रहे हैं। यह भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण को चिह्नित करता है।

गौतम अडानी ने इस बारे में क्या कहा?

इस बड़ी घोषणा पर अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा किऊर्जा भंडारण, अक्षय ऊर्जा आधारित भविष्य की आधारशिला है। इस ऐतिहासिक परियोजना के साथ, हम न केवल वैश्विक मानक स्थापित कर रहे हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता एवं स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल समूह को बड़े पैमाने पर विश्वसनीय, स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाएगी।

समूह की भविष्य की बड़ी योजनाएं

अडानी समूह सिर्फ इसी परियोजना तक सीमित नहीं रहने वाला है। समूह ने भविष्य के लिए भी बड़ी योजनाएं तैयार की हैं। बयान में कहा गया है कि समूह वित्त वर्ष 2026-27 तक अपनी भंडारण क्षमता को 15 गीगावाट घंटा (GWh) तक बढ़ाना चाहता है। इसके बाद, अगले पांच वर्षों के भीतर इस क्षमता को 50 गीगावाट घंटा तक बढ़ाने की योजना है। यह बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर में समूह की महत्वाकांक्षाओं को दिखाता है। अहमदाबाद में मुख्यालय वाला अडानी समूह ऊर्जा, रसद, धातु और उपभोक्ता क्षेत्रों में काम करता है और इसने भारत के शुद्ध-शून्य और स्थिरता लक्ष्यों के साथ अपने विकास को जोड़ने का संकल्प लिया है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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