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  1. कौन हैं रंजना प्रकाश देसाई, मोदी सरकार ने क्यों सौंपी 8वें वेतन आयोग की कमान?

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कौन हैं रंजना प्रकाश देसाई, मोदी सरकार ने क्यों सौंपी 8वें वेतन आयोग की कमान?

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 29, 2025, 07:21 IST

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सारांश

8वें वेतन आयोग पर आज की दूसरी बड़ी खबर। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष (Chairperson) बनाया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह पहला बड़ा कदम है। जस्टिस देसाई की अध्यक्षता वाली कमेटी 18 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

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कौन हैं जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई?

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की शर्तों को मंजूरी देने के कुछ ही घंटों बाद सरकार ने आयोग के नेतृत्व का भी ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज (रिटायर्ड) जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष (Chairperson) नियुक्त किया गया है।

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यह नियुक्ति बेहद अहम है, क्योंकि जस्टिस देसाई पर ही देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के भविष्य के वेतन, भत्ते और पेंशन की रूपरेखा तय करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी।

कौन हैं जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई?

जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई का नाम देश की सबसे सम्मानित पूर्व जजों में शुमार है। वह सुप्रीम कोर्ट की जज रह चुकी हैं। उन्हें अकसर सरकार द्वारा सबसे जटिल और महत्वपूर्ण मामलों की जिम्मेदारी दी जाती रही है। 8वें वेतन आयोग से पहले जस्टिस देसाई ने भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India - PCI) की अध्यक्ष के तौर पर काम किया है। वह यह पद संभालने वाली पहली महिला थीं।

हालांकि, उनकी सबसे बड़ी और चर्चित भूमिका जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) के अध्यक्ष के तौर पर रही। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा सीटों के पुनर्गठन का बेहद संवेदनशील काम उन्हीं की अध्यक्षता में पूरा हुआ था। उनके शानदार ट्रैक रिकॉर्ड और जटिल मामलों को संभालने के अनुभव को देखते हुए ही सरकार ने उन्हें वेतन आयोग जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

आयोग के सामने होंगी ये बड़ी चुनौतियां

जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में यह आयोग अगले 18 महीनों के भीतर सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा। जैसा कि कैबिनेट ने आज ही अपनी शर्तों (Terms of Reference) में साफ किया है, आयोग के सामने चुनौतियां बड़ी हैं।

जस्टिस देसाई को कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की मांगों के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिति और सरकार के खजाने पर पड़ने वाले बोझ के बीच संतुलन साधना होगा। आयोग को यह भी देखना होगा कि सिफारिशों का राज्यों के वित्त पर क्या असर पड़ेगा और प्राइवेट सेक्टर व सरकारी कंपनियों में मिल रही सैलरी की तुलना में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन कितना होना चाहिए।

1 जनवरी 2026 से मिल सकता है फायदा

8वें वेतन आयोग में एक अध्यक्ष (जस्टिस देसाई) के अलावा एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव भी होंगे, जिनकी नियुक्ति जल्द की जाएगी। आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की पूरी उम्मीद है। जस्टिस देसाई की नियुक्ति के साथ ही आयोग के गठन का काम अब पूरा हो गया है और जल्द ही आयोग सभी पक्षों से बातचीत शुरू करेगा।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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