कहीं राख में दबे, कहीं पानी में डूबे… इन 7 शहरों से अनजान थी दुनिया

16 मई 2025

सभी तस्वीरें: Shutterstock

1850 के दशक में जब ब्रिटिश अधिकारी लाहौर-मुल्तान रेलवे लाइन बनवाने निकले तो वहां मिलने लगीं मजबूत और एक समान आकार की ईंटें।

ईंट, पत्थरों पर कई निशान भी थे लेकिन मजदूर इन्हें रेलवे लाइन बिछाने के काम में लगाते रहे क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि ये पत्थर दरअसल इतिहास के पन्ने हैं।

1853 में एलेग्जेंडर कनिंघम ने पहली बार एक मुहर को देखकर समझा कि ये साइट किसी पुरातत्व खजाने से कम नहीं है। तब 1861 में नींव पड़ी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की।

ऐसे ही सदियों तक दुनिया के कई ऐसे शहरों के बारे में किसी को पता नहीं था जो इतिहास में कभी एक खास मुकाम रखते थे। यहां नजर डालते हैं ऐसी ही 7 साइट्स पर जिन्हें दुनिया भूल चुकी थी….

इटली का ये शहर माउंट वेसूवियस ज्वालामुखी की राख के नीचे सदियों तक दबा रहा। 18वीं शताब्दी में इसकी खोज हुई तो इमारतों से लेकर खजानों तक, एक पूरा शहर सामने आ गया।

7. पॉम्पे

पेरू के पहाड़ों में बसे इस शहर के बारे में दुनिया को पता नहीं था। आज ये UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट 15वीं शताब्दी की रॉयल सिटी, मंदिरों की निशानियों के लिए जानी जाती है।

6. माचू पिच्चू

लाल सैंडस्टोन में गढ़ी गई ‘रोज सिटी’ पेट्रा जॉर्डन का ट्रेडिंग हब हुआ करती थी। 1812 में योहान लडविग ने इसकी खोज की। आज ये दुनिया के सबसे फेमस पर्यटन स्थलों में से एक है।

5. पेट्रा

मिस्र के इस शहर को सदियों तक सिर्फ एक कहानी माना जाता था। इस शहर को राजधानी का दर्जा देते हुए एक राजा ने बसाया था। हालांकि, राजा के बाद ये जल्द की सुनसान हो गया।

4. अमरना

कहते हैं इस श्रीलंकाई शहर में कश्यप नाम के राजा ने पहले अपने पिता को मारा, भाई से गद्दी छीनी और फिर अपने सौतेले भाई से बचने के लिए पहाड़ की चोटी पर एक किला खड़ा किया। 

3. सिगिरिया

पौराणिक कथाओं का हिस्सा माने जाते रहे इस शहर के निशान अरब सागर की गहराई में मिलते हैं। 1980-90 के दशक में मिलीं शहर की दीवारें, पत्थर बताते हैं कि यहां एक शहर बसता था।

2. द्वारका

एक शहर नहीं, ये पूरी सभ्यता लाहौर-मुल्तान रेलवे लाइन बनते वक्त यूं दुनिया के सामने आई कि भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की शुरुआत हो गई।

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