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ब्लू ओरिजिन, वर्जिन गैलेक्टिक जैसी प्राइवेट कंपनियां चुनिंदा लोगों को अंतरिक्ष की सैर करा चुकी हैं।
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ब्लू ओरिजिन ने अप्रैल 2025 में सिर्फ महिलाओं के एक ग्रुप को भी स्पेस का दीदार करने भेजा।
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धरती को पीछे छोड़कर ये ‘अंतरिक्षयात्री’ 11 मिनट के लिए स्पेस में थे जो अपने आप में रोमांचक है।
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इससे एक दिलचस्प सवाल उठता है कि आखिर स्पेस शुरू कहां से होता है, जो वहां से इतनी जल्दी वापसी हो सकी?
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अमेरिकी ऐस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डिग्रास टाइसन के मुताबिक स्पेस उस बाउंड्री को कहते हैं जहां वायुमंडल इतना भी नहीं रह जाता कि रोशनी को स्कैटर कर सके।
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यानी दिन के वक्त सूरज के होने के बावजूद इस सीमा के पार काला अंधेरा छाया रहता है।
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क्योंकि धरती के ऊपर वायुमंडल की मौजूदगी अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग सीमा तक होती है, स्पेस कहां से शुरू होता है इसे लेकर कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है।
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NASA के मुताबिक स्पेस धरती से 80 किमी की ऊंचाई पर ही शुरू हो जाता है और उसे पार करने वाले ऐस्ट्रोनॉट कहलाते हैं।
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वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय पृथ्वी के 100 किमी ऊपर एक काल्पनिक सीमा- Karman Line को स्पेस की बाउंड्री मानता है।
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हंगेरियन-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर थियोडोर वॉन कार्मन ने अपने कैलकुलेशन्स के आधार पर इसका कॉन्सेप्ट दिया था।
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वर्जिन गैलेक्टिक, ब्लू ओरिजिन जैसी फ्लाइट्स आमतौर पर इसी Karman Line के पार अपने क्राफ्ट पहुंचाती हैं।
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वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन इससे कहीं ऊपर धरती से 400 किमी की ऊंचाई पर घूम रहा है।
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