क्या हैं रेयर अर्थ मिनरल्स, भारत में कहां मिलते हैं? समझिए सब

5 जून 2025

तस्वीरें: Shutterstock

रेयर अर्थ मिनरल्स 17 एलिमेंट्स के एक ग्रुप को कहते हैं।

जैसा नाम से लगता है, उससे उलट ये वाकई में दुर्लभ नहीं होते, बल्कि दुनियाभर में ये काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

इन्हें रेयर इसलिए कहते हैं क्योंकि इनका खनन आसान नहीं होता, काफी खर्चीला और जटिल होता है। 

सिल्वर-वाइट से दिखने वाले इन हेवी मेटल्स में मैग्नेटिक और इलेक्ट्रिकल प्रॉपर्टीज होती हैं।

इसलिए इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन, कंप्यूटर, डिजिटल कैमरा जैसे डिवाइसेज में होता है।

खासकर डिफेंस उपकरणों में इनकी अहमियत की वजह से ये आज के समय में बहुमूल्य धातु बन चुके हैं।

ये विंड टर्बाइन, सोलर पैनल्स, इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी इस्तेमाल होते हैं जो क्लीन एनर्जी के लिए जरूरी हैं।

ये हैं पीरियॉडिक टेबल में शामिल 17 रेयर अर्थ एलिमेंट्स जिनमें से 15 लैंथनाइड्स हैं।

रेयर अर्थ मिनरल्स का सबसे बड़ा उत्पादक चीन है जहां न सिर्फ इसके विशाल रिजर्व हैं बल्कि टेक्नॉलजी भी है।

भारत में भी रेयर अर्थ मिनरल्स के भंडार गुजरात से लेकर केरल और तमिल नाडु से ओडिशा समुद्रतट के पास मोनाजाइट रेत में मौजूद हैं।

देश में वैश्विक रिजर्व का 1/5th हिस्सा मौजूद है और IREL डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक एनर्जी के तहत इनके उत्पादन को देखता है।

ये 3 देश कर रहे भारत से ज्यादा बचत, देखें पूरी लिस्ट

अगली स्टोरी देखें-

क्लिक करें