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पृथ्वी के करीब ऐसा सितारा, जिसमें हर 80 साल पर होता है ब्लास्ट

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24 मार्च 2025

तस्वीर: NASA

Taylor Swift

हमारी पृथ्वी से अंतरिक्ष के हजारों-लाखों सितारे दिखाई देते हैं लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी हैं जो कभी-कभी नजर आते हैं।

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तस्वीर: Shutterstock

इनमें से एक है दो सितारों का एक सिस्टम जिसे T कोरोने बोरियालिस (T CrB) कहते हैं।

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विडियो: NASA/Conceptual Image Lab/Goddard Space Flight Center

Taylor Swift

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T CrB के एक सितारे में हर 80 साल पर होता है विस्फोट जिसकी गवाह धरती भी बनती है। 


विडियो: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

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माना जाता है कि इसे साल 1217 में और उसके बाद 1787, 1866 और 1946 में भी देखा गया।

तस्वीर: Shutterstock

अब वैज्ञानिकों का फोकस 2025 में होने वाले इसके विस्फोट पर है जब ये खगोलीय घटना देखी जा सकेगी।

तस्वीर: Shutterstock

इसे ऑब्जर्व करना वैज्ञानिकों के लिए इसलिए खास है क्योंकि यह दुर्लभ नजारा हमारे इतने करीब आसानी से नहीं मिलता।

तस्वीर: Shutterstock

धरती से 3000 प्रकाश वर्ष दूर इस बाइनरी सिस्टम में एक रेड जायंट और एक वाइट ड्वॉर्फ एक-दूसरे का चक्कर काटते हैं।

विडियो: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

Taylor Swift

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रेड जायंट ऐसा तारा है जिसका जीवन खत्म होने की ओर है जबकि वाइट ड्वॉर्फ ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा डेंसिटी वाले ऑब्जेक्ट्स में से एक है।

तस्वीर: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

ये इतना घना होता है कि हमारे सूरज से ज्यादा मास एक ग्रह जितने साइज में समा सकता है। इस वजह से वाइट ड्वॉर्फ की ग्रैविटी भी बहुत ज्यादा होती है।

तस्वीर: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

T CrB सिस्टम के वाइट ड्वॉर्ड की ग्रैविटी रेड जायंट की ओर से आने वाली गैस को अपनी ओर खींचता है।

विडियो: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

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दशकों तक इस गैस के जमा होने से वाइट ड्वॉर्फ का तापमान और प्रेशर बढ़ता जाता है और फिर इसमें होते हैं विस्फोट जिसे नोवा कहते हैं।

विडियो: NASA/CIL/Goddard Space Flight Center

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ये विस्फोट सिर्फ सतह पर होता है इसलिए वाइट ड्वॉर्फ पूरी तरह खत्म नहीं होता और बार-बार विस्फोट होता रहता है।

तस्वीर: NASA

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