चांद पर हो सकता है बर्फ का भंडार, पानी भी होगा?

8 मार्च 2025

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भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चांद की सतह पर बर्फ की मौजूदगी से जुड़ी अहम जानकारी भेजी है।

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‘कम्यूनिकेशंस अर्थ ऐंड एन्वायरन्मेंट’ जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक चांद पर हमारी जानकारी से ज्यादा मात्रा में बर्फ हो सकती है। 

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इस स्टडी के लिए चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर लगे ChaSTE (चंद्र सर्वेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट ) के डेटा पर नजर डाली गई।

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विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था और ChaSTE ने यहां सतह के 10cm नीचे तक तापमान को स्टडी किया।

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ChaSTE ने पाया कि सूरज से उलटी ओर पड़ने वाले स्लोप पर ये 60 डिग्री सेल्सियस तक सीमित था।

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स्लोप ऐंगल के चांद की सतह पर असर को स्टडी करने के लिए एक मॉडल बनाया गया।

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इसमें पाया गया कि सूरज से उलटी ओर 14 डिग्री से ज्यादा के स्लोप का तापमान बर्फ को सपॉर्ट करने लायक हो सकता है।

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दिलचस्प बात ये है कि ऐसे स्लोप पर जो कंडीशंस मिलीं, वैसी ही जगहों को नासा के आर्टेमिस मिशन की लैंडिंग के लिए चुना गया है।

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इसे देखते हुए माना जा रहा है कि चांद पर असल में ऐसी कई जगह होंगी जहां बर्फ बन सकती है और जहां जाया जा सकता है।

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चांद पर बर्फ का भंडार भले ही हो, पानी का होना मुश्किल है क्योंकि यहां मौजूद वैक्यूम बर्फ को पानी में तब्दील होने नहीं देती। बर्फ भाप बनकर उड़ जाती है।

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हालांकि, बर्फ की मौजूदगी के अपने फायदे हैं। इसे पिघलाकर पानी बनाया जा सकता है, उपकरणों को ठंडा किया जा सकता है। 

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बर्फ से ऑक्सिजन भी बनाई जा सकती है और चांद से होकर स्पेस में कहीं और जाने के लिए ईंधन भी तैयार किया जा सकता है।

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