इस साल 21वीं सदी का चौथाई हिस्सा पूरा हो जाएगा।
हालांकि, ऐसे कई खतरे हैं जो दशकों से दुनिया पर कायम हैं।
वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम ने जारी की है ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट। यह आम लोगों की राय पर आधारित है।
यह बताती है किन चीजों को लोग मानते हैं 2025 में दुनिया के लिए सबसे संकट...
आर्थिक, सामाजिक, लैंगिक समानता हासिल करना रहेगा बड़ी चुनौती।
युद्धक्षेत्र हो या अलोकतांत्रित सरकारें, मानवाधिकार, नागरिक अधिकार सुरक्षित नहीं।
वैश्विक आर्थिक गिरावट का असर देशों के अंदर नौकरियों पर भी हो सकता है।
जैव-विविधता से लेकर प्रदूषण तक, बदलते प्राकृतिक सिस्टम्स के लिए परेशान हैं लोग।
सर्वे के मुताबिक नई पीढ़ी में ज्यादा है इसे लेकर चिंता।
राजनीतिक मतभेदों के बढ़ने और विश्वास कम होने से बढ़ा संकट।
गलत और अधूरी जानकारी से नुकसान का ट्रेंड आगे भी रहने का आशंका।
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर की चपेट में आने का डर।
साल 2024 था सबसे गरम साल (WMO_। भविष्य में भी क्लाइमेट चेंज का खतरा कायम।
रूस-यूक्रेन से लेकर मध्यपूर्व तक, देशों के बीच जंग इस फेहरिस्त में सबसे ऊपर।
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