भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने की राह पर है।
साल 2019 के मुकाबले 2020 में ग्रीन हाउस गैसों (GHG) का उत्सर्जन 7.93% कम किया। (डेटा: PIB)
ग्रीन हाउस गैसें, जैसे कार्बन-डायऑक्साइड, मीथेन, वायुमंडल में गर्मी को सोखती हैं।
इससे तापमान में होने वाली बढ़त को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोकने का प्रण पेरिस समझौते के तहत किया गया।
भारत ने 2020 तक GHG उत्सर्जन तीव्रता/ यूनिट जीडीपी को 36% कम किया।
(डेटा: PIB)
भारत ने इन नतीजों के लिए कई कदम उठाए हैं...
जंगलों को बचाने के लिए शुरू कंपनसेटरी एफॉरस्टेशन, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम, राष्ट्रीय पौधारोपण कार्यक्रम।
बदलती शहरी जलवायु के असर से निपटने और कम-कार्बन उत्सर्जन के जरिए विकास पर ध्यान।
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, SATAT, FAME, नगर वन योजना जैसी योजनाएं लागू।
तटीय ईकोसिस्टम के संरक्षण के लिए मैंग्रूव और कोरल रीफ संरक्षण, MISHTI कार्यक्रम के तहत किए उपाय।
पर्यावरण (संरक्षण) कानून, वन्यजीव (संरक्षण) कानून, भारतीय वन कानून, जैविक विविधता कानून के तहत तटीय विनियमन क्षेत्र की रक्षा पर ध्यान।
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