सतत विकास के लिए ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन है अहम। इसी कड़ी में भारत को मिलेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन। पर्यावरण को नहीं होगा कोई नुकसान।
हाइड्रोजन और ऑक्सिजन से मिलकर पैदा हुई बिजली में सिर्फ भाप का उत्सर्जन।
ट्रेन को बनाने का जिम्मा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नै पर। अधिकतम रफ्तार 140 किमी/ घंटा की क्षमता।
हर हाइड्रोजन ट्रेन की लागत करीब ₹80 Cr। ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए हर रूट पर ₹70 Cr का खर्च।
(फोटो: द हिंदू, बिजनेस लाइन )
साल 2025 तक 35 हाइड्रोजन ट्रेन लाने का प्लान।