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सोचिए जरा अंतरिक्ष में सोने का भंडार, जो पृथ्वी पर सबको बना सकता है करोड़पति! नासा ने साइकी नाम के एक एस्टेरॉयड की पहचान की, जिसमें सोने, लोहे, निकल समेत कीमती धातुओं का सबसे बड़ा भंडार हो सकता है।
जिसकी अनुमानित कीमत 700 ट्रिलियन यूरो (करीब 70,95,90,00,00,00,00,000 रुपये) है। साइकी एस्टेरॉयड पृथ्वी पर सबको करोड़पति बना सकता है।
क्या है साइकी एस्टेरॉयड?
इटैलियन एस्ट्रोनॉमर एनीबेल डी गैसपारिस द्वारा 1852 में खोजा गया, साइकी एस्टेरॉयड अब एक साधारण एस्टेरॉयड से विज्ञान के लिए सबसे रोमांचक संभावनाओं में से एक बना।
जो कभी अंतरिक्ष में एक साधारण चट्टान था, वह अब एक खदान है जिसका मूल्य पृथ्वी की पूरी अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है।
साइकी एस्टेरॉयड क्यों है खास?
कुछ स्टडी के अनुसार, साइकी का 30% से 60% भाग धातुओं (सोना, लोहा, निकल) से बना। यह सब सिलिकेट के साथ मिश्रित और इसका अनुमानित क्षेत्रफल 1,65,000 sq km से भी अधिक।
आपको एक अंदाजा देने के लिए, इसकी वैल्यू दुनिया के सभी देशों के कंबाइंड जीडीपी से कहीं ज्यादा है।
कहां स्थित है साइकी एस्टेरॉयड?
साइकी मंगल और गुरु के बीच, एस्टेरॉयड पट्टी में स्थित, और माना जाता है कि यह एक प्राचीन ग्रह का खुला हुआ केंद्र है। इसकी खोज सबसे पहले 19वीं शताब्दी में हुई थी।
लेकिन नासा ने 2023 तक इस पर ज्यादा ध्यान देना शुरू नहीं किया। शायद इसलिए कि इसका अनुमानित मूल्य 700 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाता है।
सोने का अकूत भंडार
साइकी की खोज ने उत्साह तो जगाया है, लेकिन विवाद भी पैदा किया है। अगर एक ही मिशन पृथ्वी पर उसके कुल वार्षिक उत्पादन से ज्यादा सोना ले आए, तो क्या होगा?
उन संसाधनों तक पहुंच को कैसे कंट्रोल किया जाएगा? किन देशों या कंपनियों का कंट्रोल होगा? अंतरिक्ष खनन से कानूनी, नैतिक और पर्यावरणीय चुनौतियां पैदा होती हैं जिनका अभी तक कोई जवाब नहीं है।
लेकिन एक बात तो तय है, अंतरिक्ष में मौजूद सोना पहले से ही सामूहिक कल्पना को जगा रहा है, और यह एक नई सोने की होड़ की शुरुआत हो सकती है... इस बार, पृथ्वी के वायुमंडल से परे।
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