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युवाल नोआ हरारी की किताब Sapiens: A brief history of humankind को मानवजाति के विकास को समझने के लिए शानदार लेखन का उदाहरण समझा जाता है।
यह किताब बताती है कि कैसे इंसान समय के साथ बदलता गया और ‘होमो सेपियन्स’ की शक्ल इख्तियार की, जिससे आज का आधुनिक मानव तैयार हुआ है।
यहां एक नजर डालते हैं उन बातों पर जो युवाल हरारी की इस किताब के मुताबिक इंसानों के अब तक के सफर में सबसे खास रही हैं…
होमो सेपियन्स ने सीखा कि कैसे भाषा का इस्तेमाल संचार के लिए किया जा सकता है। उन्होंने अपनी कल्पना के आधार पर संस्कृति को जन्म दिया जिसने मानवजाति का इतिहास बदल दिया।
दूसरे जानवरों से अलग इंसान ने अपने लिए कुछ नियम बनाए, धर्म से लेकर देशों की सीमाएं खींचीं और इस नई व्यवस्था के आधार पर समाज में अपनी जगह बनाने की नींव रखी।
यूं तो करंसी एक पेपर या धातु हो सकती है लेकिन इंसानी समाज ने इसे एक मूल्य दिया। इसी के आधार पर आज अर्थव्यवस्थाएं चलती हैं और लोगों का पूरा जीवन तक तय हो जाता है।
इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब इंसान ने अपनी जिज्ञासा के बल पर विज्ञान को समझा और फिर उसके इस्तेमाल से प्राकृतिक संसाधनों को अपने लिए तैयार किया।
पूंजीवाद लोगों को निवेश के जरिए एक बेहतर भविष्य का सपना दिखाता है। वह इस बात में लोगों का विश्वास कायम करता है कि आर्थिक विस्तार होने से ही उनका भविष्य बेहतर होगा।
अब इंसान अपनी जरूरतों से ज्यादा मीडिया में दिखने वाली चीज की ओर आकर्षित होता है। वह अप-टू-डेट तो रहता है लेकिन चंद पलों की खुशी उसे अंदर से संतुष्ट नहीं कर पाती।
आज इंसान सिर्फ तरक्की करके खुश नहीं है। उसकी उम्मीदें पहले से ज्यादा हैं, रिश्तों की अहमियत और सोच, हर चीज पर निर्भर है कि वह कितना खुश है।
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