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आज के समय में EMIs का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है, मेडिकल इमरजेंसी से लेकर अचानक से आए खर्चे के लिए लोग पर्सनल लोन पर काफी आश्रित होने लगे हैं।
लेकिन एक से ज्यादा पर्सनल लोन आपकी फाइनेंशियल जर्नी को ट्रैक से उतार सकता है और साथ ही यह आपके लिए काफी घातक भी साबित हो सकता है।
चलिए समझते हैं कि कैसे एक से ज्यादा पर्सनल लोन से बचा जाए और किस तरह से अपनी फाइनेंशियल जर्नी को ट्रैक पर रखा जाए।
आप सबसे पहले अपनी EMIs को कैलकुलेट जरूर करें और यह तय करें कि कुल EMIs मिलाकर आपकी सैलरी के 30% से ऊपर ना जाएं।
लोन कंसोलिडेट भी किया जा सकता है, इससे इसे ट्रैक करना आसान हो जाता है। जैसे अगर आपके अलग-अलग पर्सनल लोन हैं, तो इसे एक जगह कर सकते हैं।
इसके लिए अपने अलग-अलग लोन के बचे हुए प्रिंसिपल अमाउंट को कैलकुलेट कर, मार्केट में सबसे कम इंटरेस्ट रेट वाले पर्सनल लोन से चुकाने के बारे में सोचा जा सकता है।
लोन बैलेंस समय-समय पर चेक करते रहें, इससे आपको आइडिया रहता है कि प्रिंसिपल अमाउंट कितना बचा है और अगर कहीं से एकमुश्त पैसे आने हैं, तो समय से पहले इसे क्लोज भी किया जा सकता है।
ऑटोमेटिक पेमेंट ऑन रखें, इससे EMI मिस होने का खतरा नहीं रहता है और आप भारी-भरकम लेट फीस से बच सकते हैं।
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