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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO सदस्यों को अपने प्रॉविडेंट फंड अकाउंट में जमा राशि रिटायरमेंट पर निकालने की सुविधा देता है।
इससे रिटायरमेंट के बाद सदस्यों के पास जरूरी खर्चों के लिए एक जमा पूंजी रहती है और वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
EPFO रिटायरमेंट के पहले भी इस जमा राशि का कुछ हिस्सा निकालने की इजाजत देता है।
यहां देखते हैं ऐसे 11 केस जिनमें नौकरी के दौरान PF अकाउंट से कुछ राशि निकाली जा सकती है….
EPFO का सदस्य 7 साल तक रहने के बाद अगर PF अकाउंट में कम से कम ₹1,000 जमा हों तो अपने योगदान का 50% हिस्सा, ब्याज समेत निकाला जा सकता है।
इसे अपनी, भाई-बहनों या बच्चों की शादी के लिए जीवन में 3 बार निकाला जा सकता है।
अपनी बच्चों की 12वीं के बाद आगे की शिक्षा के लिए 7 साल तक सदस्य रहे कर्मचारी अपने योगदान का 50% हिस्सा ब्याज समेत, जीवन में 3 बार निकाल सकते हैं।
घर खरीदने या बनाने के लिए 5 साल तक सदस्य रहे कर्मचारी जीवन में एक बार अडवांस ले सकते हैं।
जमीन खरीदने के लिए 24 महीने और घर के लिए 36 महीने की बेसिक सैलरी, DA या कर्मचारी-नियोक्ता का कुल योगदान, जो कम हो, मिल सकता है।
मेडिकल जरूरत हो तो जॉइनिंग के बाद कभी भी और कितनी भी बार अडवांस मिल सकता है। इसके लिए अधिकतम सीमा है 6 महीने की बेसिक सैलरी+ DA या टोटल EPF बैलेंस, जो कम हो।
दिव्यांग सदस्य अपने लिए उपकरण खरीदने के लिए हर 3 साल पर 6 महीने की बेसिक सैलरी+ DA, या अपना योगदान ब्याज समेत या उपरण की कीमत, जो कम हो, उतना अडवांस ले सकते हैं।
15 दिन से ज्यादा कंपनी बंद हो, बिना मुआवजे नौकरी जाए, दो महीने तक वेतन ना मिला हो, तो सदस्य अपना हिस्सा निकाल सकते हैं।
अगर कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता है और वह कोर्ट में इसे चैलेंज करता है, तो अपने योगदान और ब्याज का 50% हिस्सा निकाल सकता है।
घर खरीदने, बनाने, रिपेयर कराने को लिया गया कर्ज चुकाने को 10 साल तक सदस्य रहे कर्मचारी 36 महीने का वेतन+DA, PF में कुल योगदान या बचा हुआ कर्ज निकाल सकते हैं।
55 साल की उम्र के बाद PF फंड का 90% हिस्सा वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश करने के लिए निकाल सकते हैं।
एक महीने का वेतन या ₹300, जो कम हो, सदस्य बिजली जाने पर निकाल सकते हैं।
54 साल की उम्र या रिटायरमेंट की उम्र में एक साल बचने पर सदस्य कुल PF का 90% हिस्सा एक बार निकाल सकते हैं।
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