तस्वीरें: Shutterstock से
IPO का ट्रेंड पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है और इन्वेस्टर्स में इसको लेकर काफी उत्सुका भी देखी गई है। हालांकि IPO एलॉटमेंट मिलना इतना आसान नहीं होता है।
IPO एलॉटमेंट की संभावना बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव चलिए आपको बताते हैं। हालांकि, IPO एलॉटमेंट की गारंटी देने की कोई रणनीति नहीं हो सकती है।
लेकिन आप IPO एलॉटमेंट हासिल करने की अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए कुछ तकनीकें अपना सकते हैं।
कई डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल
यह IPO एलॉटमेंट हासिल करने के लिए एक प्रभावी तरकीब है, खासकर जब सीमित रिटेल कोटा वाले हाई-डिमांड वाले IPO में शेयरों के लिए मुकाबला हो।
आप अलग-अलग परिवार के सदस्यों के नाम से कई डीमैट अकाउंट्स के जरिए शेयरों के लिए अप्लाई करके IPO एलॉटमेंट हासिल करने की अपनी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
प्राइस बैंड की अपर साइड पर करें अप्लाई
आईपीओ में आम तौर पर प्राइस बैंड होते हैं, जिसके अंदर बोलियां जमा की जाती हैं। ऐसे में अपर साइड पर अप्लाई करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कंपनियां फाइनल ऑफर प्राइस के आधार पर शेयर एलॉट करती हैं, और इस मूल्य से कम बोलियां स्वचालित रूप से अयोग्य हो जाती हैं।
कट-ऑफ प्राइस चुनें
जब आप IPO के लिए अप्लाई करते हैं, तो आपके पास कट-ऑफ प्राइस चुनने का ऑप्शन होगा, जो अनिवार्य रूप से फाइनल ऑफर प्राइस होता है। जिस पर शेयर एलॉट किए जाते हैं।
अगर आप रिटेल इन्वेस्ट हैं और सोच रहे हैं कि अपने IPO एलॉटमेंट की संभावनाओं को कैसे बढ़ाया जाए, तो कट-ऑफ प्राइस चुनना अहम है।
बड़े आवेदनों से बचें
अगर आप रिटेल इन्वेस्टर हैं और 2 लाख रुपये से अधिक प्राइस के शेयरों के लिए अप्लाई करते हैं, तो आपको ऑटोमेटिकली NII श्रेणी में ले जाया जाएगा।
इस श्रेणी में, एलॉटमेंट आनुपातिक होते हैं और लॉटरी-आधारित नहीं होते हैं। इससे छोटे रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए IPO एलॉटमेंट हासिल करने की संभावना कम हो जाती है।
जल्द से जल्द करें अप्लाई
आईपीओ खुलते ही कोशिश करें कि आप उसके लिए अप्लाई कर दें। आईपीओ बिडिंग से पहले कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें।
अगली स्टोरी देखें