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NPS और PPF दो लोकप्रिय निवेश विकल्प हैं, लेकिन दोनों के फायदे और नुकसान अलग-अलग हैं। दोनों ही रिटायरमेंट और लॉन्ग टर्म सेविंग के लिए बेहतर हैं।
PPF पर गारंटीड 7.1% ब्याज मिलता है। NPS में 10-14% तक रिटर्न मिल सकता है, यह शेयर बाजार पर निर्भर होता है।
PPF और NPS दोनों सरकारी योजना हैं, इसलिए सुरक्षित हैं। हालांकि, NPS में मार्केट रिस्क होता है, पर लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
PPF में ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है और पूरा पैसा टैक्स फ्री होता है। NPS में ₹2 लाख तक की छूट मिलती है, लेकिन आंशिक टैक्स लग सकता है।
PPF की लॉक-इन अवधि 15 साल है। NPS से पैसा 60 साल की उम्र में निकाला जा सकता है, यानी यह लंबी अवधि के लिए उपयुक्त है।
PPF में आंशिक निकासी 7वें वित्तीय वर्ष से मुमकिन है। NPS में 3 साल बाद खास जरूरतों के लिए कुछ राशि निकाली जा सकती है।
PPF में सालाना ₹500 से ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं। NPS में कम से कम ₹6000 सालाना निवेश जरूरी है, कोई अधिकतम सीमा नहीं।
PPF में आप निवेश कैसे होता है, नहीं चुन सकते। NPS में आप इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्योरिटी जैसे विकल्प चुनकर निवेश को कंट्रोल कर सकते हैं।
कम जोखिम और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं तो PPF चुन सकते हैं। बेहतर रिटर्न के लिए लंबी अवधि तक निवेश करना हो तो NPS बेहतर हो सकता है।
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