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आयकर कानून, 1961 को नए आयकर विधेयक, 2025 से बदलने का काम चल रहा है।
नए विधेयक में जो बदलाव लाए गए हैं उनमें से एक है असेसमेंट इयर के कॉन्सेप्ट को खत्म करने का।
यहां समझते हैं टैक्स कानून के मामले में इस्तेमाल होने वाले वर्षों के बारे में…
फाइनेंशियल इयर 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को पूरा होता है।
नए विधेयक में इसे लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है।
1961 के कानून में टैक्स इयर का प्रावधान नहीं है।
नए विधेयक में इसे वित्त वर्ष के बराबर ही माना गया है यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च तक।
1961 के कानून में जिस साल आमदनी पर टैक्स लगता है, उसे असेसमेंट इयर कहा गया है।
नए विधेयक में इसके कॉन्सेप्ट को खत्म कर दिया गया है, इसकी जगह टैक्स इयर आया है।
यह पहले उस साल के लिए इस्तेमाल होता था जब आमदनी कमाई गई है।
नए विधेयक में इसे भी हटा दिया गया है।
यह 1 जनवरी से शुरू होकर 31 दिसंबर तक चलता है।
इसका इस्तेमाल ना आयकर कानून 1961 में होता था और ना नए विधेयक में है।
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