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क्रेडिट कार्ड आज युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। आसान डिजिटल प्रक्रिया की वजह से इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है।
अगर कार्डधारक की अचानक मृत्यु हो जाए तो सवाल उठता है—उसके क्रेडिट कार्ड का बकाया कौन चुकाएगा?
क्रेडिट कार्ड की जिम्मेदारी सिर्फ कार्डधारक की होती है। इसमें कोई को-गारंटर नहीं होता, जैसे लोन में होता है।
मृत्यु के बाद बैंक बकाया राशि सिर्फ उस संपत्ति से वसूल सकता है जो कार्डधारक पीछे छोड़ गया हो।
अगर परिवार वालों ने संपत्ति को अपनाया है, तो सिर्फ उसी की कीमत तक बकाया चुकाना होगा। उससे ज्यादा नहीं।
अगर बकाया राशि संपत्ति से ज्यादा है, तो बैंक उसे घाटा (NPA) मानता है। परिवार से जबरन वसूली नहीं की जा सकती।
RBI के नियमों के अनुसार बैंक धमकी, डराने या अपमानजनक व्यवहार नहीं कर सकते। नियम सख्त हैं।
FD-बैक्ड कार्ड में बैंक आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट से बकाया राशि काट सकता है। ये ‘सिक्योर्ड कार्ड’ कहलाते हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्रेडिट कार्ड बीमा लेना फायदेमंद होता है। इससे परिवार पर बोझ नहीं पड़ता।
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