5th Pay Commission: वेतन, भत्ता और सुधार की पूरी कहानी

January 17, 2025

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1994 में गठित, 1997 में लागू। इसने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, ढांचे और कल्याण योजनाओं को लेकर अहम सिफारिशें दी थीं।

5वें वेतन आयोग में क्या कुछ था?

5वें वेतन आयोग के अध्यक्ष थे न्यायमूर्ति एस. रत्नवेल पांडियन। आयोग का मुख्य फोकस था: सैलरी सुधार और प्रशासन में आधुनिकता।

किसने किया नेतृत्व?

5वां वेतन आयोग 1 जनवरी 1996 से प्रभावी माना गया और इसकी सिफारिशें 1997 में लागू की गईं।

कब लागू हुआ?

न्यूनतम वेतन 240% और अधिकतम वेतन 225% बढ़ा। पहले ₹750 था, जो बढ़कर ₹2550 हुआ। अधिकतम वेतन ₹8000 से बढ़कर ₹26000 हो गया।

कितनी बढ़ी सैलरी

यह अनुपात दिखाता है उच्चतम और न्यूनतम वेतन का अंतर। 5वें वेतन आयोग में यह घटकर 10.2 रह गया।

Compression Ratio क्या था?

आयोग ने कल्याण योजनाओं पर जोर दिया। इसमें सरकारी कर्मचारियों की संख्या में कमी करने की सिफारिश भी की गई। 

कर्मचारी कल्याण पर ध्यान

महंगाई भत्ते (DA) का 50% हिस्सा बेसिक वेतन में जोड़ने की सलाह दी गई। सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर भी फोकस किया गया। 

DA को लेकर सिफारिश

हालांकि सैलरी बढ़ी, पर इससे सरकार का खर्च भी बढ़ा। फिर भी कर्मचारियों की संतुष्टि और काम की गुणवत्ता में सुधार हुआ।

सरकार पर असर

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