मार्केट न्यूज़
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3 min read | अपडेटेड December 08, 2025, 07:50 IST
सारांश
भारतीय शेयर बाजार के लिए यह हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। 12 दिसंबर को आने वाले महंगाई के आंकड़े और अमेरिका के फेडरल रिजर्व की बैठक बाजार की चाल तय करेंगे। रूस के साथ हुए समझौतों और विदेशी निवेशकों के रुख पर भी सबकी नजर रहेगी।

अगले हफ्ते शेयर बाजार की चाल महंगाई के आंकड़ों और वैश्विक संकेतों पर निर्भर करेगी।
भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए यहा हफ्ता बेहद अहम और हलचल भरा रहने वाला है। बीते हफ्ते बाजार ने सुस्त चाल दिखाई थी और निवेशक एक दिशा की तलाश में थे। अब सोमवार से शुरू हो रहे कारोबारी सत्र में बाजार की नजरें कई बड़े आर्थिक आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर होंगी। महंगाई के आंकड़े, विदेशी निवेशकों का मूड और अमेरिका के फेडरल रिजर्व का फैसला अगले कुछ दिनों में बाजार की दिशा तय करने वाला है। निवेशकों को अपनी रणनीति बनाने से पहले इन सभी बातों को समझना बहुत जरूरी है।
घरेलू मोर्चे पर सबसे बड़ी खबर 12 दिसंबर को आएगी, जब सरकार खुदरा महंगाई यानी सीपीआई के आंकड़े जारी करेगी। पिछले महीने अक्टूबर में महंगाई दर केवल 0.25 फीसदी रही थी, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा संकेत था। अगर इस बार भी महंगाई काबू में रहती है, तो बाजार में खरीदारी लौट सकती है। इसके उलट अगर महंगाई बढ़ती है, तो बाजार थोड़ा सहम सकता है। उसी दिन देश के विदेशी मुद्रा भंडार और आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़े भी आएंगे। विदेशी मुद्रा भंडार का कम या ज्यादा होना सीधे तौर पर रुपये की चाल और विदेशी निवेशकों के भरोसे को प्रभावित करता है।
बाजार पर सिर्फ घरेलू ही नहीं, बल्कि विदेशी हवाओं का भी असर दिखेगा। सबकी निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं, जहां फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को लेकर बैठक करने वाला है। अगर ब्याज दरों में कटौती या स्थिरता की बात आती है, तो भारतीय बाजार झूमेंगे। लेकिन अगर सख्ती के संकेत मिले, तो बिकवाली का दबाव बन सकता है। इसके अलावा हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और 16 समझौतों ने बाजार को एक नया दृष्टिकोण दिया है। रूस ने तेल सप्लाई जारी रखने का वादा किया है, जो ऊर्जा सुरक्षा के लिए बड़ी बात है। वहीं भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड डील की बातों पर भी निवेशकों की नजर है। भारत कैसे दोनों महाशक्तियों के साथ संतुलन बनाता है, यह बाजार के लिए एक बड़ा ट्रिगर होगा।
अगर पिछले हफ्ते की बात करें तो बाजार में ज्यादा दम नहीं दिखा था। निफ्टी मामूली गिरावट के साथ 26,186 के स्तर पर और सेंसेक्स 85,712 पर बंद हुआ था। हालांकि बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों में ज्यादा मार पड़ी थी। निफ्टी आईटी इंडेक्स ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया और करीब साढ़े तीन फीसदी उछला। इसके अलावा ऑटो और मेटल शेयरों में भी खरीदारी दिखी। वहीं दूसरी तरफ एनर्जी, फार्मा और रियल्टी सेक्टर में गिरावट देखने को मिली।
जानकारों का मानना है कि अगले हफ्ते बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है। अगर ग्लोबल संकेत अच्छे मिले तो निफ्टी और सेंसेक्स में रिकवरी आ सकती है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हालिया गिरावट के बाद अब अच्छी क्वालिटी वाले शेयरों में खरीदारी का मौका बन सकता है। आईटी और मेटल सेक्टर पर दांव लगाना फायदेमंद हो सकता है, जबकि एनर्जी और एफएमसीजी सेक्टर अभी थोड़ा सुस्त रह सकते हैं। निवेशकों को सलाह है कि वे किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचें और डेटा आने का इंतजार करें।
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