जंग का असर सिर्फ आबादी नहीं, अर्थव्यवस्था पर भी होता है। भारत में ही कई बार ऐसा देखा गया है कि किसी जंग के असर से शेयर मार्केट में उथल-पुथल मच गई है।
1999 में कारगिल युद्ध के ठीक पहले NIFTY-50 लगभग 13%नीचे गिर गया था। हालांकि, युद्ध के दौरान सूचकांक 41% बढ़ गया और फिर बेहतर ही होता रहा। (फोटो: PTI)
2003 में जब US- इराक के बीच जंग छिड़ी तो तेल के दामों की संवेदनशीलता के चलते एक महीने से ज्यादा NIFTY -6.3% और SENSEX -4.38% से नीचे रहा।
2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला तो भारतीय बाजार धड़ाम हो गए। मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी गई जब NIFTY -4.78% और SENSEX -4.72 % पर पहुंच गया।
2023 में इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ी तो तेल की कीमतें बढ़ने लगीं और रुपया कमजोर होने लगा। तब भारत में शेयर बाजार नीचे जाने लगा था।