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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के सामने रखा आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25।
भारतीय अर्थव्यवस्था की परफॉर्मेंस से लेकर चुनौतियों तक, हर पहलू का लेखा-जोखा।
यहां देखते हैं, आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी सबसे अहम बातें-
नेट EPFO सब्सक्रिप्शन लगभग दोगुने हुए। 18-15 साल के युवाओं का हिस्सा लगभग 47%, सामाजिक सुरक्षा के लिए अच्छी खबर।
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जुलाई-नवंबर 2024 में केंद्र सरकार का कैपिटल खर्च 8.2% बढ़ा है और इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
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FY25 की पहली छमाही में इंडस्ट्रियल ग्रोथ में 6% की बढ़त लेकिन दूसरी तिमाही से धीमी पड़ी रफ्तार।
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FY25 की पहली छमाही में कृषि विकास स्थिर रहा। दूसरी तिमाही में 3.5% की ग्रोथ। पिछली 4 तिमाहियों की तुलना में सुधार।
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वित्त वर्ष 25 में भारत की वास्तविक जीडीपी 6.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है।
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अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स पर कैपिटल खर्च FY20 से FY24 के बीच 38.8% की दर से बढ़ा है।
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अप्रैल-दिसंबर के बीच मुद्रास्फीति कम होकर 4.9% पर आ गई।
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विदेशी मुद्रा $640.3 अरब, 10.9 महीनों के आयात के लिए काफी।
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अर्थव्यवस्था की जरूरी ग्रोथ के लिए निवेश को 31% नहीं, 35% से बढ़ने की जरूरत।
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भारत को 2047 तक विकसित होने के लिए एक-दो दशक तक औसतन 8% ग्रोथ की जरूरत।
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